शिक्षा हमारा अधिकार है, कोरोना के बहाने हमें शिक्षा से वंचित नहीं कर सकते, कलकत्ता HC में याचिका दायर

पश्चिम बंगाल में स्कूल खोलने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर, याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से कहा की कोरोना के बहाने हमें शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता

Updated: Jan 26, 2022, 11:01 AM IST

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में स्कूल और कॉलेजों को खोलने की मांग को लेकर एक और याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया है कि शिक्षा छात्र-छात्राओं का मौलिक अधिकार है। राज्य सरकार कोरोना का बहाना बनाकर उन्हें उस अधिकार से वंचित नहीं कर सकती।

याचिकर्ताओं का तर्क है कि कोरोना की वजह बताकर स्कूल-कॉलेज बंद हैं, लेकिन बाकी सब कुछ खुला है। मेलों से लेकर रेस्टोरेंट क्लब सभी खुलें हैं। बस और ट्रेनें सब चल रही हैं। ऐसे में स्कूल क्यों नहीं खोला जा रहा है? याचिकर्ता वाजुद्दीन अहमद ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि देश में एजुकेशन सिस्टम को ब्रेक करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। संविधान द्वारा प्रदत 'राइट टू एजुकेशन' का उल्लंघन किया जा रहा है, इसलिए छात्रों के हित में हमने याचिका दायर की है।

कलकत्ता हाईकोर्ट में स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर इसके पहले भी दो याचिका दायर किए जा चुके हैं। इस बार इस्लामिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन की स्टेट ब्रांच ने न्यायालय का रुख किया है। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ तीनों मामलों की अब एक साथ सुनवाई करेगी।

बता दें कि कोरोना के चलते पिछले करीब दो साल से देश में फिजिकल क्लासेज बंद हैं। पिछले साल स्कूल कुछ दिन के लिए खोले भी गए, लेकिन जल्द ही ओमिक्रोन का हवाला देकर ताले लटका दिए गए। हैरानी की बात यह है कि चुनाव से लेकर अन्य सभी गतिविधियां निर्बाध जारी है। लेकिन स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जा रहे। ऐसे में अब कई संस्थाओं ने न्यायालय का रुख किया है।