आज विश्वासघात दिवस मना रहे हैं किसान, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

विश्वासघात दिवस मना रहे किसानों का कहना है कि सरकार के 9 दिसंबर 2021 के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, उनमें से कोई एक वादा पूरा नहीं किया

Updated: Jan 31, 2022, 07:01 AM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने साल भर चले आंदोलन के बाद किसानों की सभी मांगें मान ली थी। केंद्र से आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने भी धरना स्थगित कर दिया। हालांकि, सरकार ने अबतक किसानों की कोई भी बात नहीं मांगी है। सरकार के इस रवैये को देखते हुए किसान आज विश्वासघात दिवस मना रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशभर के करीब 500 जिलों में किसान विश्वासघात दिवस मना रहे हैं। किसानों के मुताबिक वे केंद्र सरकार के नाम ज्ञापण भी सौंपेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है की, 'मोदी सरकार ने दिल्ली में एमएसपी पर जो भी वादा किया है, उसे पूरा करे। हम चुनाव से अलग हैं। हमारा एक मत है जो हम किसी को भी दे देंगे।'

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टिकैत ने आगे कहा कि, 'मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से खुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज होगी तो किसी और को वोट देगी। ‘विश्वासघात दिवस’ के चलते देश के कई जिला और तहसील स्तर पर रोष प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। संयुक्त मोर्चे से जुड़े सभी किसान संगठन जोर-शोर से इसकी तैयारी में जुटे हैं।'

बता दें कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने एक साल से अधिक समय तक आंदोलन किया था। तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के सरकार के फैसले के बाद एसकेएम ने घोषणा की थी कि अगर सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में फेल रहती है तो आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है। किसान संगठन एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।

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हालांकि, सरकार ने आश्वासन देने के बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसे में अब माना जा रहा है कि किसान संगठन दोबारा आंदोलन का आह्वान कर सकते हैं। किसानों का कहना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार सभी मांगें पूरा करने पर राजी हुए थी।