जैसे पीएम ने कृषि कानून वापस लिए, वैसे ही नीतीश भी रद्द करें शराबबंदी कानून: जीतन राम मांझी

जीतन राम मांझी ने कहा कि सेना के हजारों जवान शराब पीते हैं, पूर्व सीएम ने कहा कि जहरीली शराब का शिकार कमजोर वर्ग ही होता है इसलिए सीएम नीतीश को इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल न बनाकर शराबबंदी को वापस ले लेना चाहिए

Publish: Jan 16, 2022, 06:39 AM IST

पटना। बिहार में जहरीली शराब से जारी मौतों के बीच पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून की पोल खोलकर रख दी है। पूर्व सीएम ने कहा है कि राज्य में सेना के हजारों जवान ऐसे हैं जो शराब पीते हैं। लेकिन जहरीली शराब का शिकार कमजोर वर्ग ही होता है। इसलिए सीएम नीतीश कुमार को अपनी हठधर्मिता त्याग कर शराबबंदी कानून वापस ले लेना चाहिए। 

पूर्व सीएम ने कहा कि जैसे प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। वैसे ही, सीएम नीतीश कुमार को भी शराबबंदी को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल न बनाकर इसे वापस ले लेना चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा कि इस कानून का खामियाजा कमज़ोर और गरीब तबका ही भुगत रहा है। 

पूर्व सीएम ने जहरीली शराब से हो रही मौतों पर कहा कि नालंदा में जहरीली शराब से आठ लोगों की मौत हो गई है। कुछ दिन पहले गोपालगंज में लोग जहरीली शराब के कारण मर गए। पूर्व सीएम ने कहा कि जहरीली शराब के कारण बिहार में इतनी मौतें हो चुकी हैं कि अब तो सवाल यह उठने लगा है कि बिहार में कौन सी जगह पर जहरीली शराब से मौत नहीं हुई है। 

जीतन राम मांझी ने कहा कि शराब तस्कर केमिकल का प्रयोग करते हैं। जिसका सेवन करने पर लोगों की मौत होती है। पूर्व सीएम ने कहा कि ऐसी शराब का सेवन वही लोग करते हैं, जिनके पास अच्छी शराब खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते। ऐसे में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को ही इस कानून की मार पड़ रही है। 

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यह पहली बार नहीं है जब जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून पर सवाल उठाए हों। इससे पहले पूर्व सीएम खुद शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते हुए गरीब लोगों को रात के दस बजे के बाद शराब पीने की हिदायत भी दे चुके हैं। जीतन राम मांझी ने हाल ही में कहा था कि बिहार में तमाम ओहदेदार लोग रोज़ाना शराब का सेवन करते हैं। इसलिए गरीब व्यक्ति को भी उन्हीं ओहदेदार लोगों की तरह ही रात में शराब का सेवन करना चाहिए। 

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बिहार में पिछले पांच वर्षों से भी अधिक समय से शराबबंदी कानून लागू है। लेकिन इस कानून के क्रियान्वयन पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार में शराब तस्करी बढ़ गई। इसने बिहार में अपराध भी बढ़ा दिया। इसकी सीधी चोट गरीब तबके को लगी। जिस वजह से आए दिन जहरीली शराब के कारण लोगों की मौत होने की खबरें आती रहती हैं। इतना ही नहीं, बिहार में शराब लूट की घटनाएं भी आम हैं।