यूक्रेन से लौटे छात्रों के एडमिशन और पढ़ाई का खर्च उठाए सरकार, दिग्विजय सिंह ने की मांग

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि "यूक्रेन से वापस स्वदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स प्रवेश योजना बनाई जाए" और इन छात्रों की पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करे

Updated: Mar 05, 2022, 07:31 AM IST

नई दिल्ली। यूक्रेन से लौट रहे हजारों भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स अब अपने करियर को लेकर चिंतित हैं। छात्रों के पास फिलहाल पढ़ाई जारी रखने का कोई विकल्प नहीं बचा है। यूक्रेन के छात्रों की समस्या को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार यूक्रेन से लौटे छात्रों के एडमिशन और पढ़ाई का खर्च उठाए।

प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित पत्र में सिंह ने लिखा है कि, 'रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के समय यूक्रेन में अध्ययनरत भारत के हजारों छात्रों का संकट दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप के बाद भी फिलहाल युद्ध विराम की संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसी स्थिति में यूक्रेन में फंसे मेडिकल छात्रों के सामने अपनी पढ़ाई जारी रखने पर संशय की स्थिति है।'

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सिंह ने आगे लिखा है की, 'यूक्रेन में चिकित्सा शिक्षा लेने गये छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। रूस के हमलों में शैक्षणिक संस्थान भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं। यूक्रेन में चल रहा युद्ध यदि समाप्त हो भी जाता है तो वहां के मेडिकल कॉलेजों के शीघ्र प्रारंभ होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।'

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि चिकित्सा क्षेत्र में देश को सेवाएं देने के लिये तैयार हो रहे इन हजारों छात्रों के भविष्य को देखते हुए भारत सरकार यूक्रेन से लौटे छात्रों के लिये एक विशेष योजना बनाये और देश में चल रहे समस्त शासकीय के साथ-साथ निजी मेडिकल कॉलेजों में ऐसे छात्रों को MBBS कोर्स में दाखिला दिलाए। ऐसे सभी स्टूडेंट्स की फीस भारत सरकार को अपनी ओर से जमा करनी चाहिए। चूंकि इन छात्रों का परिवार पूर्व में ही बड़ी धन राशि एडमिशन के नाम पर खर्च कर चुका है.. और ये मध्यमवर्गीय परिवार देश के निजी मेडिकल कॉलेजों में अपने बच्चों को पढ़ाने की हैसियत नहीं रखते हैं। 

राज्यसभा सांसद ने प्रधानमंत्री से निवेदन करते हुए कहा है कि भारत सरकार यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों की आशंका को दूर करते हुए जनहित में नियमों को शिथिल कर "यूक्रेन से वापस स्वदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स प्रवेश योजना" बनाए। साथ ही एक अभियान चलाकर सभी छात्रों को उनकी सुविधा अनुसार एडमिशन दिलाए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि 20 हजार से अधिक मेडिकल स्टूडेंट्स के सामने छाए भविष्य के अंधेरे को दूर करने के लिये प्रवेश संबंधी नीतिगत निर्णय लेकर छात्रों और अभिभावकों को सरकार राहत देगी। सिंह ने इसे देशहित और लोकहित का निर्णय बताया है।