हाथरस रेप केस के पीड़ित परिवार को है सुरक्षा का खतरा, इसलिए नहीं लिया कांग्रेस का टिकट

एक हिंदी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पीड़ित परिवार को इस बात का डर है कि अगर उन्होंने कांग्रेस का टिकट लिया तो उनका जीना मुश्किल हो जाएगा, परिवार का कहना है कि वो सरकार से खतरा मोल लेने का जोखिम नहीं उठा सकता

Publish: Jan 16, 2022, 07:49 AM IST

Photo Courtesy: India.com
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी लड़की हूं, लड़ सकती हूं के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान यातनाओं का शिकार महिलाओं और उनके परिजनों को चुनावी टिकट दे रही है। हाथरस के बहुचर्चित बलात्कार काण्ड के पीड़ित परिजनों को भी कांग्रेस पार्टी ने टिकट का ऑफर दिया था। लेकिन अपनी सुरक्षा को लेकर भयभीत पीड़ित परिवार ने चुनावी मैदान में उतरने से मना कर दिया। परिवार ने संभावित खतरे को देखते हुए विनम्रतापूर्वक कांग्रेस पार्टी के इस प्रस्ताव को मानने से इनकर कर दिया।

एक हिंदी अखबार ने पीड़ित परिवार के हवाले से अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि चुनाव लड़ने पर पीड़ित परिवार को अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है। बलात्कार की पीड़िता के भाई के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें टिकट का ऑफर दिया गया था। लेकिन चुनाव लड़ने से हमारे परिवार की सुरक्षा पर बन आती। इसलिए हमने चुनाव न लड़ने का फैसला किया। 

पीड़िता के भाई ने कहा कि हमारी सुरक्षा में वो जवान तैनात हैं, जिनकी सरकार के खिलाफ हमें लड़ना है। ऐसे में हम चुनाव लड़कर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते। पीड़िता के भाई ने कहा कि चुनाव लड़ने से हमारा केस कमज़ोर करने की कोशिश भी की जाएगी। उन्नाव रेप पीड़िता का आरोपी कम से कम जेल में तो है, लेकिन न्याय के लिए अभी हमारी पूरी लड़ाई बाकी है।

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पीड़ित परिवार का कहना है कि गांव में पहले से ही ठाकुरों और ब्राह्मणों का दबदबा है। गांव में सिर्फ चार घर ही दलित के हैं। रेप के आरोपी भी ठाकुर ही हैं। आसपास के गांवों की भी कमोबेश यही स्थिति है। 22 गांव ठाकुर बाहुल्य हैं। ऐसे में चुनाव लड़ने पर हमारी मुसीबत और बढ़ जाएगी।

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कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपने 125 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इस सूची में 50 महिलाएं शामिल हैं। इन महिलाओं में अधिकतर महिलाएं ऐसी हैं, जो उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान या तो सताई गई हैं या सरकार की नीतियों के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी है। इनमें से एक उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा देवी भी हैं। आशा देवी को टिकट मिलने का एलान होने के बाद समाजवादी पार्टी ने उन्नाव सीट पर अपना उम्मीदवार न उतारे जाने की घोषणा भी कर दी है। ऐसी चर्चा है कि आशा देवी के समर्थन में बीएसपी भी इस सीट पर उम्मीदवार खड़ा न करने का मन बना रही है।