चुनाव हारे हैं हिम्मत नहीं, निराश हैं हताश नहीं, हम लौटेंगे नई रणनीति के साथ: कांग्रेस
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली असफलता के बाद कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला बोले- जनता का निर्णय सर्वोपरि, लेकिन हमें ये सोचना पड़ेगा कि इस देश में धर्मांधता चलेगा या रचनात्मक राजनीति चलेगी
नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा है। पंजाब से कांग्रेस की सत्ता छिन गई, वहीं उत्तराखंड और गोवा में भी पार्टी बहुमत से काफी दूर रही है। चुनाव में विपरीत नतीजों के बावजूद कांग्रेस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम चुनाव हारे हैं हिम्मत नहीं हारे और सच्चाई के लिए पूरी ताकत से लड़ते रहेंगे। कांग्रेस ने हार की समीक्षा के लिए कार्यसमिति की बैठक बुलाई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, 'लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि होता है। हम जनादेश पर सवाल नहीं उठा सकते हैं। लेकिन हमें ये सोचना पड़ेगा कि इस देश धर्मांधता चलेगा, नफरत की राजनीति चलेगी, विभाजन की राजनीति चलेगी या फिर रचनात्मक राजनीति करेगी। हमने स्वच्छ राजनीति की है। हमने धर्म और जाति की राजनीति नहीं बल्कि मुद्दों की राजनीति की है।'
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— Congress (@INCIndia) March 10, 2022
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि, 'हमने इस चुनाव में जनता के मुद्दों को लाने का सतत प्रयास किया। चाहे वो बेरोजगारी हो, महंगाई हो या डूबती अर्थव्यवस्था हो। हम चुनाव हारें या जीतें, लेकिन कांग्रेस जनता के साथ जुड़ी है। हम अपनी संगठन को मजबूत बनाएंगे। हम चुनाव परिणामों से निराश जरूर हैं, लेकिन हताश नहीं हैं। हम चुनाव हारे हैं, हिम्मत नहीं हारे हैं, हम कहीं नहीं जा रहे हैं, हम लड़ते रहेंगे जबतक जीत हासिल न हो जाए। और वो जीत जनता की जीत होगी। हम लौटेंगे बदलाव के साथ और नई रणनीति के साथ।'
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सुरजेवाला ने आगे कहा कि, 'पंजाब में हमने धरातल से जुड़ा नेतृत्व देने का प्रयास किया। लेकिन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में साढ़े चार साल की सत्ता विरोधी लहर से उबर नहीं पाए। यूपी में हम धरातल पर पैठ बनाने में सफल तो रहे लेकिन उस जनमत को सीटों में नहीं बदल पाए। हम उत्तराखंड और गोवा में बेहतर चुनाव तो लड़े लेकिन विजय के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाए। यह हमारे लिए एक सीख है कि आगे से हमें धरातल पर और मजबूती से कार्य करने की आवश्यकता है।'