मुझे किसी से व्यक्तिगत नाराजगी नहीं, मैं चाहता हूं देश में मजबूत विपक्ष हो: राष्ट्रपति के गांव में बोले पीएम मोदी

शुक्रवार को कानपुर देहात जनपद में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के पैतृक गांव परौंख पहुंचे पीएम मोदी, कहा - भारत में गांव में पैदा हुआ गरीब से गरीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-राज्यपाल-मुख्यमंत्री के पद पहुंच सकता है

Updated: Jun 03, 2022, 01:55 PM IST

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को कानपुर देहात जनपद में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के पैतृक गांव परौंख पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हूं, मैं तो देश में मज़बूत विपक्ष चाहता हूं। उन्होंने एयरपोर्ट पर आगवानी के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का आभार भी जताया।

पीएम मोदी ने कहा कि, 'मैं राष्ट्रपति जी के साथ विभिन्न स्थानों को देख रहा था तो मैंने परौंख में भारतीय गाँव की कई आदर्श छवियों को महसूस किया। यहाँ सबसे पहले मुझे पथरी माता का आशीर्वाद लेने का अवसर मिला। ये मंदिर इस गाँव की, इस क्षेत्र की आध्यात्मिक आभा के साथ एक भारत-श्रेष्ठ भारत का भी प्रतीक है।'

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, 'महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे।
भारत का गाँव यानी, जहां आध्यात्म भी हो, आदर्श भी हों! भारत का गाँव यानी, जहां परम्पराएँ भी हों, और प्रगतिशीलता भी हो! भारत का गाँव यानी, जहां संस्कार भी हो, सहकार भी हो! जहां ममता भी हो, समता भी हो। भारत में गांव में पैदा हुआ गरीब से गरीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-राज्यपाल-मुख्यमंत्री के पद पहुंच सकता है।'

पीएम मोदी इस दौरान विपक्ष पर निशाना साधने से नहीं चूके। उन्होंने कहा, 'आज जब हम लोकतन्त्र की इस ताकत की चर्चा कर रहे हैं तो हमें इसके सामने खड़ी परिवारवाद जैसी चुनौतियों से भी सावधान रहने की जरूरत है। ये परिवारवाद ही है जो राजनीति ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं का गला घोंटता है, उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। मैं तो चाहता हूं कि परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पार्टियां, खुद को इस बीमारी से मुक्त करें, खुद अपना इलाज करें।'

उन्होंने आगे कहा कि, 'मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है।.मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों। तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा।'