तकनीकी खामी के कारण पाकिस्तान की सीमा में फायर हुई मिसाइल, रक्षा मंत्रालय ने जताया खेद

पाकिस्तान ने बताया था कि 9 मार्च को एक  भारत की तरफ से एक सुपरसोनिक प्रोजेक्टाइल फायर किया गया था, पाकिस्तान ने आशंका जताई थी कि ये एक सुपरसोनिक मिसाइल थी

Updated: Mar 12, 2022, 03:02 AM IST

नई दिल्ली। मिसाइल अटैक मामले में रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान के दावों की पुष्टि की है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि 9 मार्च को भारत की ओर से पाकिस्तानी सीमा में एक मिसाइल दागा गया था। हालांकि, रक्षा विभाग ने इसे तकनीकी खामी करार देते हुए खेद भी जताया है।

रक्षा मंत्रालय की ओर से इस मामले पर कहा गया है कि 9 मार्च 2022 को रूटीन मरम्मत कार्य के दौरान तकनीकी गड़बड़ीके कारण दुर्घटनावश ये मिसाइल फायर हो गई। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ऐसा समझा जाता है कि मिसाइल पाकिस्तान के क्षेत्र में गिरी। हालांकि यह बेहद खेदजनक है, लेकिन राहत की बात है कि इसमें किसी भी प्रकार का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।

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दरअसल, पाकिस्तान ने कहा था कि भारत की तरफ से उनके देश की सीमा में एक सुपरसोनिक मिसाइल दागी गई, ये मिसाइल पाकिस्तान की सीमा के करीब 124 किमी अंदर गिरी। जिसे पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम ने ट्रेस किया था। पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग के डीजी ने पाकिस्तानी वायुसेना के एयर वाइस मार्शल रैंक के अधिकारी के साथ एक बड़ी प्रेस कांफ्रेंस कर भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे।

पाकिस्तान ने इस मामले में भारत के दूतावास प्रभारी को समन किया था और ‘उड़ने वाली भारतीय सुपरसोनिक वस्तु' के जरिये हवाई क्षेत्र का बिना उकसावे के उल्लंघन करने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था. साथ ही घटना की विस्तृत एवं पारदर्शी जांच की मांग की थी। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा की भारतीय राजनयिक को ‘उड़ने वाली भारतीय सुपरसोनिक वस्तु' के जरिये हवाई क्षेत्र के कथित उल्लंघन के बारे में सूचना दी गई है। यह वस्तु भारत में सूरतगढ़ से नौ मार्च को शाम छह बजकर 43 मिनट पर पाकिस्तान में घुसी थ। यह मिसाइल पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मियां चुन्नु शहर में उसी दिन शाम 6 बजकर 50 मिनट पर जमीन पर गिरी, जिससे असैन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचा।

पाकिस्तान के एयर वाइस मार्शल तारिक जिया ने कहा कि जिस समय पाकिस्तानी सेना ने यह चीज उठाई थी, उस समय दो वायुमार्ग सक्रिय थे और कई कामर्शियल उड़ानें भी पाकिस्तानी क्षेत्र में थीं। पाकिस्तान का कहना है, अगर भारतीय सुपरसोनिक वस्तु की रफ्तार और ऊंचाई को देखें तो यह 40 हजार फुट की ऊंचाई पर थी और यात्री उड़ानें 35 से 42 हजार फुट की ऊंचाई के बीच रहती हैं। ऐसे में यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकती थी।