एंबेसी ने 120 छात्रों को बॉर्डर पर छोड़ा, पोलैंड की सेना नहीं दे रही एंट्री, भूख-प्यास से छात्र बेहाल

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की बदतर हो रही है हालत, इंदौर का शुभम रोमानिया के लिए निकला था, अब नहीं हो पाया है संपर्क, 120 छात्रों को पोलैंड बॉर्डर पर छोड़ आए एंबेसी के लोग, भूख-प्यास से तड़प रहे हैं बच्चे, पोलैंड की सेना नहीं दे रही है एंट्री

Updated: Feb 26, 2022, 10:26 AM IST

नई दिल्ली। रूस के ताबड़तोड़ हमलों के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का जीना दूभर हो गया है। छात्रों को न भारत सरकार से मदद मिल रही है और न ही कोई और मदद कर रहा है। हजारों की संख्या में भारतीय छात्रों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छात्र भूख प्यास से तड़प रहे हैं।

यूक्रेन में पोलैंड बॉर्डर पर शुक्रवार रात दो बजे से करीब 120 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। उन्हें पोलैंड की सेना अपने देश में एंट्री देने के लिए तैयार नहीं है। वहां की सेना का कहना है कि उन्हें सरकार से बॉर्डर एंट्री का कोई ऑर्डर नहीं मिला है। पोलैंड सरकार बिना भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के उन्हें सीमा पार नहीं करने देगी। इन बच्चों को भारतीय दूतावास की बसें बॉर्डर तक ले गई थी और उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया। इनमें करीब 25 बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं।

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यूपी में गाजियाबाद निवासी शिवम ने विभिन्न शहरों में रह रहे करीब 100 से 120 स्टूडेंट्स को भारतीय दूतावास की बसें पोलैंड बॉर्डर तक ले गईं और उन्हें शुक्रवार शाम को वहां ले जाकर छोड़ दिया। लेकिन पोलैंड की सेना अपने देश में एंट्री नहीं दे पा रही है। इस वजह से ये छात्र बॉर्डर पर ही हैं। जो बसें इनको बॉर्डर पर लेकर गई थीं, वे भी अब वहां पर मौजूद नहीं हैं। ऐसे में ये स्टूडेंट्स अपने बंकर, हॉस्टल या फ्लैट में वापस आने की स्थिति में भी नहीं हैं। बॉर्डर पर खाने-पीने के भी इंतजाम नहीं है।

इसी तरह रोमानिया बॉर्डर पर भी दर्जनों छात्र फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी सत्यम सबरवाल ने बताया कि वे 51 छात्रों के समूह के साथ हैं। उन्होंने अपने पैसों से बस की व्यवस्था की और रोमानिया बॉर्डर के लिए निकल चुके हैं। हालांकि, उनके पहले भी जो छात्र रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचे थे उन्हें एंट्री नहीं मिली है। सत्यम बताते हैं कि वे बहुत डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्दी से किसी तरह व्यवस्था कर दे, वरना यहां कभी भी कुछ भी अनहोनी हो सकता है।

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यूक्रेन में मध्य प्रदेश के इंदौर के भी करीब 122 छात्र फंसे हुए हैं, जो वहां अलग-अलग संस्थानों में एमबीबीएस, इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई के लिए 4-5 सालों से हैं। इन्हीं छात्रों में इंदौर पुलिस विभाग में पदस्थ चतुर्भुज जिराती का बेटा शुभम भी है, जो वहां एमबीबीएस फाइनल ईयर में है। शनिवार सुबह शुभम ने घरवालों को मैसेज किया था की वह इंदौर के ही प्रणव राव व अन्य छात्रों के साथ Turnopil से रोमानिया के लिए निकल चुका है। उसके बाद से शुभम से संपर्क नहीं हो सका है। यहां परिजन चिंतित हैं। शुभम के अनुसार TURNOPIL यूनिवर्सिटी के कर्मचारी, रेक्टर, डीन और चांसलर सभी कैंपस वैकेंट कर चले गए और छात्रों को अकेला छोड़ दिया था।