मोदी सरकार ने 2017 में खरीदा था पेगासस स्पाईवेयर, न्यूयॉर्क टाइम्स का बड़ा खुलासा

इजरायल सरकार के साथ 2 अरब डॉलर के रक्षा डील के साथ ही यह जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदा था, इस डील में मिसाइल प्रणाली सहित हथियारों की भी खरीद हुई थी, पीएम मोदी इस सौदे के लिए खुद इजरायल गए थे

Updated: Jan 29, 2022, 07:44 AM IST

नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया है कि भारत सरकार ने साल 2017 में इजरायल से पेगासस स्पाईवेयर खरीदा था। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में भारत सरकार ने इजरायल के साथ जो 2 अरब डॉलर यानी 15 हजार करोड़ रुपए का रक्षा सौदा किया था उसमें पेगासस स्पाईवेयर की खरीद भी शामिल थी। इस रक्षा डील में भारत ने कुछ हथियारों के साथ एक मिसाइल सिस्टम भी खरीदा था।

भारत में कैसे आया पेगासस?

दरअसल, जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल की यात्रा की थी। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा इजरायल की पहली यात्रा थी। न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि मोदी सरकार ने इजरायल को स्पष्ट संदेश दिया था कि भारत अब अपने फलस्तीन के लिए प्रतिबद्धता के पुराने रुख में बदलाव कर रहा है। इसका नतीजा यह हुआ कि पीएम मोदी और इस्राइल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच काफी करीबी देखी गई। पीएम मोदी और नेतन्याहू एक साथ बीच पर टहलते हुए देखे गए थे। 

हालांकि दोनों के बीच दिखी इस गर्मजोशी का कारण दोनों देशों के बीच हुई डिफेंस डील थी। भारत सरकार ने इस्राइल से आधुनिक हथियार और जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने का सौदा कर लिया। यह पूरा समझौता करीब 15 हजार करोड़ रुपये का था। इस डील का केंद्र पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर ही था। 

रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि उस दौरान इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी भारत की यात्रा की। परिणामस्वरूप भारत ने जून 2019 में संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के समर्थन में मतदान किया ताकि फिलिस्तीनी मानवाधिकार संगठन को पर्यवेक्षक का दर्जा न मिल सके। हालांकि, अब तक न तो भारत सरकार और न ही इजरायली सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है कि भारत ने पेगासस को खरीदा है। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने भी खरीदा और इसके इस्तेमाल करने के मकसद से इसका परीक्षण किया था। इजरायली रक्षा विभाग ने पॉलैंड और हंगरी जैसे देशों को भी यह जासूसी स्पाईवेयर दिया है।

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न्यूयॉर्क टाइम्स के इस खुलासे ने देश की सियासत को गर्म कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर कठघरे में हैं। मामले बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि, 'मोदी सरकार को न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे का खंडन करना चाहिए, की उसने वास्तव में टैक्सपेयर्स का 300 करोड़ रुपए पेगासस स्पाईवेयर खरीदने में खर्च किया था। प्रथम दृष्टया हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और संसद को गुमराह किया।'

बता दें कि दुनियाभर के मीडिया संस्थाओं ने मिलकर जुलाई 2021 में खुलासा किया था कि सरकारों ने अपने विरोधियों, पत्रकारों, व्यापारियों पर जासूसी करने के लिए स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया था। भारत में द वायर द्वारा की जांच में पता चला कि इस जासूसी स्पाईवेयर के निशाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव थे सहित कई अन्य प्रमुख नाम थे। इस सूची में 40 भारतीय पत्रकारों का भी नाम शामिल है।