उद्योगपति राहुल बजाज का निधन, 5 दशक तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन की सम्हाली जिम्मेदारी

स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता जमनालाल बजाज के पोते थे राहुल बजाज, वे 1965 से 2005 तक बजाज समूह के चेयरमैन थे, भारत सरकार ने उन्हें उद्योग जगत में योगदान के लिए पद्म भूषण और फ्रांस सरकार ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा था

Updated: Feb 12, 2022, 11:19 AM IST

Photo Courtesy: twitter
Photo Courtesy: twitter

बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। वे पिछले कई सालों से कैंसर से जूझ रहे थे। पुणे में शनिवार सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। वे 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे हैं। उनके कार्यकाल में कंपनी ने कई महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की। राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 में महाराष्ट्र में हुआ था।

राहुल बजाज ने बजाज समूह की कमान 60 के दशक से 2005 तक सम्हाली। साल 2005 में उन्होंने चेयरमैन का पद छोड़ दिया। उन्होंने अपने बेटे राजीव बजाज को कंपनी की जिम्मेदारी सौंप दी।राहुल बजाज अर्थशास्त्र और कानून के जानकार थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र में ऑनर्स और बॉम्बे विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री की। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए भी किया। साल 2008 में उन्होंने बजाज ऑटो को तीन यूनिट में बांट दिया था।

राहुल बजाज सन 2006 से 2010 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। वे 1979-80 और 1999-2000 में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के प्रेसिडेंट रहे हैं। साल 2017 में भारत सरकार की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए CII राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरुस्कार तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने दिया था। भारत सरकार ने उन्हें साल 2001 में उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में अहम योगदान के लिए पद्म भूषण से नवाजा था। राहुल बजाज फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर' से भी नवाजा गया था।राहुल बजाज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जमनालाल बजाज के पोते थे। जमनालाल बजाज महात्मा गांधी के साथी थे।

राहुल बजाज के नेतृत्व में ही कंपनी ने बजाज चेतक नाम का स्कूटर बनाया। जिसने भारत की मिडिल क्लास परिवारों की गाड़ी की हसरत को पूरा किया। इसके बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ती रही। नब्बे के दशक में भारत एक खुली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ा और जापानी बाइक कंपनियों से भारतीय दुपहिया गाड़ियों को कड़ी टक्कर मिली। उस दौर में राहुल बजाज ने कंपनी को आगे बढ़ाया। उनकी कंपनी ने कंपनी बजाज ऑटो का कारोबार 7.2 करोड़ रुपये से 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। बजाज के उत्पादों को लोगों की प्यार मिला। राहुल बजाज के नेतृत्व में कंपनी के उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थान मिला।