Air India को बेचना कठिन काम था, लेकिन हम कामयाब रहे, इस डील में हुआ फायदा: ज्योतिरादित्य सिंधिया

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि एयर इंडिया को बेचने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हम कामयाब रहे, यह एक ऐतिहासिक डील था

Updated: Jan 28, 2022, 08:58 AM IST

नई दिल्ली। देशवासियों की संपत्ति एयर इंडिया को केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से बेच दिया है। करीब सात दशकों से देशवासियों की सेवा में लगी एयर इंडिया अब निजी संपत्ति हो गई है। सरकारी संपत्ति बेचकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुशी जाहिर की है। सिंधिया ने कहा है कि यह एक कठिन काम था।

एनडीटीवी से विशेष बातचीत के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, 'एयर इंडिया की बिक्री करना बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण था। हालांकि, हम कामयाब रहे। यह एक ऐतिहासिक लेनदेन रहा।सरकार के लिए एयर इंडिया को चलाना संभव नहीं रह गया था। इस डील में सभी पक्षों को किसी न किसी तरह फायदा हुआ। एयर इंडिया के कर्मचारियों की नौकरी एक साल के लिए सुरक्षित है।'

सिंधिया ने आगे कहा की, 'एयर इंडिया बहुत ज्यादा नुकसान में थी जो सही नहीं था। इसलिए यह सौदा हुआ। यह लेनदेन सभी पक्षों के लिए फायदे का सौदा रहा। एयर इंडिया अब अपने पुराने मालिकों के पास वापस आ गई है। मुझे यकीन है कि उनके प्रबंधन में एयर इंडिया का भविष्य उज्ज्वल है। मैं दोनों पक्षों के सभी अधिकारियों का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने काफी मेहनत की और यह सुनिश्चित किया कि यह डील सफलतापूर्वक पूरा हो।'

बता दें कि एयर इंडिया की शुरुआत टाटा समूह ने सन 1932 में की थी। हालांकि, आजादी के बाद सन 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। पिछले साल 18 हजार करोड़ की बोली लगाकर एयर इंडिया को टाटा ने फिर से खरीद लिया। डील के मुताबिक टाटा कंपनी इस सौदे के एवज में सरकार को 2,700 करोड़ रुपये नकद देगी और एयरलाइन पर बकाया 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज की देनदारी लेगी।