मैं नहीं चलाती ट्विटर मेरे खिलाफ हो रही है साजिश, जेएनयू की नई कुलपति का दावा

शांतिश्री धुलिपुडी ने एक अंग्रेजी अखबार से की बातचीत, आपत्तिजनक ट्वीट्स से झाड़ा पल्ला, बोलीं मेरे पास नहीं था कोई ट्विटर अकाउंट

Updated: Feb 09, 2022, 05:04 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
Photo Courtesy: Amar Ujala

नई दिल्ली। जेएनयू की नई कुलपति शांतिश्री धुलिपुडी अपने पुराने ट्वीट्स को लेकर विवादों में फंसी हुई हैं। लगातार बढ़ते विवाद के बीच शांतिश्री मीडिया के सामने आई हैं। शांतिश्री ने तमाम आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि वे पिछले लम्बे अरसे से ट्विटर नहीं चला रही हैं। उन्होंने इस पूरे विवाद को उनके खिलाफ एक साजिश करार दिया है। 

शांतिश्री ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में सफाई देते हुए कहा कि वे काफी लंबे अरसे से ट्विटर नहीं चलाती हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके ट्विटर अकाउंट को हैक किया गया और इस कथित साजिश में कोई जेएनयू से जुड़ा हुआ व्यक्ति ही शामिल है।

शांतिश्री ने अपने ट्विटर अकाउंट के बारे में बात करते हुए कहा कि वे पिछले 6 वर्षों से ट्विटर पर नहीं हैं। उनकी बेटी खुद एक साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर हैं। 6 वर्ष पहले अमेरिका में उनकी बेटी जब नौकरी के लिए आवेदन दे रही थी उसी वक्त उनकी बेटी ने उनका ट्विटर अकाउंट बंद कर दिया।

वायरल हुए ट्वीट्स को लेकर शांतिश्री ने कहा कि यह उनकी जानकारी में तब आया जब स्क्रीनशॉट वायरल हुए। शांतिश्री ने कहा कि चूंकि मैं ट्विटर पर नहीं हूं, इसलिए मुझे कैसे पता चलेगा कि ट्विटर पर मेरा कोई अकाउंट भी है। 

मैंने कौन सा पाप किया 

शांतिश्री ने मीडिया पर उनके खिलाफ भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रेस मेरे साथ ऐसा बर्ताव क्यों कर रहा है? मैंने कौन सा पाप किया है? शांतिश्री ने कहा कि लेफ्ट उनके खिलाफ साजिश रच रहा है। क्योंकि मेरा जेएनयू की पहली महिला कुलपति बनना लेफ्ट के गले नहीं उतर रहा है।

क्या है विवाद 

शांतिश्री धुलिपुडी की नियक्ति के बाद ही उनके पुराने ट्वीट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। पुराने ट्वीट्स में शांतिश्री राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करती नज़र आई थीं। वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया और सेंट स्टीफेंस कॉलेज को कम्युनल कैम्पस की संज्ञा दी थी। इसके अलावा उन्होंने सिविल राइट्स एक्टिविस्ट को दिमागी तौर पर बीमार जिहादी करार दिया था।

शांतिश्री के पुराने ट्वीट्स वायरल होने के बाद से ही उनकी नियुक्ति का विरोध शुरू हो गया। जिसके बाद अचानक उनका ट्विटर अकाउंट डिलीट हो गया। दावा किया गया कि शांतिश्री ने विवाद को बढ़ता देख अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर लिया। अब शांतिश्री ने दावा किया है कि वे तो काफी अरसे से ट्विटर पर सक्रिय ही नहीं हैं।

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बीजेपी नेता वरुण गांधी ने भी शांतिश्री की नियुक्ति का विरोध किया है। उन्होंने शांतिश्री धुलिपुडी द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज को साझा करते हुए शांतिश्री की अंग्रेज़ी पर सवाल खड़े किए थे। वरुण गांधी ने प्रेस रिलीज में अंग्रेजी व्याकरण से संबंधी अशुद्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा था कि ऐसी नियुक्तियों से युवाओं का भविष्य बर्बाद होता है।