कर्नाटक में धार्मिक आधार पर कक्षाओं का बंटवारा, हिजाब पहनी छात्राओं को अलग क्लास में बैठाया गया

कर्नाटक में हिजाब के साथ छात्राओं को मिली कॉलेज में एंट्री, लेकिन अलग क्लास में बैठाया गया, कॉलेज प्रशासन ने धर्म के आधार पर कक्षाओं को बांटा, हिजाब के विरोध में भगवा स्कार्फ लाने लगे थे छात्र

Updated: Feb 07, 2022, 07:46 AM IST

Representative Image, Courtesy: India Today
Representative Image, Courtesy: India Today

बेंगलुरु। बीजेपी शासित कर्नाटक में अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं को एंट्री मिली है। हालांकि, प्रशासन ने धार्मिक आधार पर कक्षाओं को बांट दिया है। सोमवार को हिजाब पहनकर शिक्षा ग्रहण करने आई छात्राओं को पृथक कमरे में बिठाया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कुंदापुरा के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आईं छात्राओं को सोमवार सुबह कैंपस में एंट्री दे दी गई। हालांकि, प्रशासन ने इन छात्राओं को सामान्य कक्षाओं में नहीं बल्कि कमरों में बैठाया। बता दें कि कर्नाटक में छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेजों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। दर्जनों कॉलेज की छत्राएं हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। 

यह भी पढ़ें: हम बेटियों का भविष्य छीन रहे हैं, मां सरस्वती भेद नहीं करती, कर्नाटक हिजाब विवाद पर राहुल गांधी

सबसे पहले यह मामला उडुपी की गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ था, जहां छह छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में आने नहीं दिया गया। इसके बाद कई अन्य कॉलेजों में प्रशासन ने हिजाब को बैन कर दिया। हालांकि, छात्राओं ने मुखर होकर इसका प्रतिरोध किया और कक्षाओं में जाने पर अड़ी रहीं। कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेताओं ने भी इस मसले पर छात्राओं के साथ एकजुटता दिखाई। 

उधर हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोग अल्पसंख्यक छात्राओं के इस मांग का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर गए। कई कॉलेजों में हिंदूवादी संगठनों से जुड़े स्टूडेंट्स हिजाब के खिलाफ सांकेतिक विरोध स्वरूप भगवा वस्त्र धारण कर पहुंच गए। बताया गया कि हिंदूवादी संगठनों के दबाव में हिंदू छात्राओं को भगवा स्कार्फ पहनना पड़ा। मामला बढ़ने के बाद कुंदापुरा के सरकारी पीयू कॉलेज अब धार्मिक आधार पर कक्षाओं को बांटने का निर्णय लिया गया है। उधर कुंदापुर पुलिस पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के दो लोगों को आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

यह भी पढ़ें: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को मिली पहली महिला कुलपति, JNU की पूर्व छात्रा रही हैं प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी

इस पूरे मामले को उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि कर्नाटक में इस साल विधानसभा चुनाव नहीं होने हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोग यह दावा कर रहे हैं कि बीजेपी शासित कर्नाटक में इस तरह की घटनाओं को हवा देकर बीजेपी दूसरे राज्यों में वोटों का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराना चाहती है।