सूरत में एक बार महाराष्ट्र पुलिस को जाने दें, सभी विधायक वापस आ जाएंगे: संजय राउत

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच संजय राउत का बड़ा बयान, विधायकों ने मैसेज भेजा है कि हमें यहां से छुड़ाइए, हमारी जान खतरे में है, सभी विधायक वापस लौटना चाहते हैं, वे डरे हुए हैं

Updated: Jun 21, 2022, 11:26 AM IST

Photo Courtesy: TheIndianExpress
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मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने आरोप लगाया है कि गुजरात पुलिस ने शिवसेना विधायकों को बंदी बना लिया है। करीब चार-पांच विधायक वहां से भागने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़कर ले गई।

दरअसल, एकनाथ शिंदे गुजरात के सूरत स्थित एक होटल में डेरा जमाए हुए बैठे हैं। उनका दावा है कि 
उनके पास 26 विधायक हैं, जिनमें चार मंत्री शामिल हैं। शिवसेना की तरफ से मिलिंद नारवेकर और एमएलसी रविंद्र फाटक को उनसे बातचीत के लिए सूरत भेजा गया है।

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हालांकि, शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस संबंध में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, '26 नहीं बल्कि सुरता में 17 से 18 विधायक हो सकते हैं। उनमें से 9 विधायकों ने हमसे संपर्क किया है। उन्हें वहां गुजरात पुलिस ने घेराबंदी में रखा है। जो मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में हुआ था वही यहां भी हो रहा है। उसी को ऑपरेशन लोटस के नाम से कोई महाराष्ट्र में भी अंजाम देना चाहता है तो हम स्वागत करते हैं। सरकार गिराकर दिखाए।'

उन्होंने दावा किया कि, 'शिवसेना के चार विधायकों ने कल रात होटल से भागने की कोशिश की थे। वे वहां वापस आने के लिए भाग रहे थे। लेकिन गुजरात पुलिस ने जाकर उन्हें पकड़ा और फिर से होटल में बंद कर दिया। क्या यही ऑपरेशन लोटस है? यही डेमोक्रेसी है? गुजरता की भूमि से अगर लोकतंत्र की इस प्रकार से हत्या होती रहेगी तो ये देश में क्या बचेगा? एकनाथ शिंदे को पार्टी ने विधायक दल के नेता से हटा दिया है और ये अभी शुरुआत है। मंत्रियों से भी उनका पद छीना जाएगा।'

संजय राउत ने शिवसेना की बैठक को लेकर कहा कि, 'हमारे मीटिंग में 33 लोग थे और भी सात आठ लोग आस पास में ही हैं। चार पांच विधायक और भी मुंबई आ रहे हैं। अगर मुंबई पुलिस को सूरत में जाने का मौका मिला तो लगभग सभी विधायक वापस आ जाएंगे। विधायकों का हमारे पास संदेश है। वे कह रहे हैं कि हमें वापस छुड़ाइए... हमारी जान खतरे में है। विधायकों की जान खतरे में है इसका मतलब इस देश का लोकतंत्र खतरे में है।'

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एकनाथ शिंदे की नाराजगी को लेकर राउत ने कहा कि वे हमारे मित्र हैं, हमने बहुत साल एक दूसरे के साथ काम किया है। पार्टी में उनका योगदान भी है। लेकिन उन्होंने जो कदम उठाया है वो गलत है। उन्हें सबकुछ पार्टी ने ही तो दिया है। आज जो कुछ भी हैं पार्टी के बदौलत हैं। उद्धव ठाकरे ने ही उन्हें दो बार मंत्री बनाया और बड़ा पोर्टफोलियो दिया। जो खेल यह चल रहा है... मंत्रियों का का पद चला जाएगा। विधायक भी डरे हुए हैं कि की सदस्यता खत्म हुआ तो फिर उपचुनाव में जाना होगा।'

राउत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'इस देश में इस तरह से अपहरण होगा और सरकार तोड़ने की कोशिश होगी? ये कैसा लोकतंत्र है? हम सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का ढ़ोल पीटते हैं, लेकिन ऐसे उसका मान्यता नहीं मिलेगा। केंद्रीय एजेंसियों की दबिश के कारण यह भागम-भाग हो रहा है।' अल्पमत में होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों का अपहरण हुआ है। उन्हें हमारे कब्जे में दीजिए तो हम बहुमत साबित करेंगे। शिंदे की मांग पर राउत ने कहा कि जिस बीजेपी ने हमें 10 बार अपमानित किया, क्या हम उनके साथ जाएंगे? उन्होंने बताया कि आज शाम को गठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक होगी।