प्रशासन और जनता के बीच इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है, फीडबैक बैठक में पीएम मोदी ने कलेक्टरों को दिए उपदेश

देश के विभिन्न जिला कलेक्टरों से ऑनलाइन संवाद कर रहे थे पीएम मोदी, कलेक्टरों को दिए कई उपदेश, बोले- गवर्नेंस में टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप दोनो का फ्लो होना चाहिए

Updated: Jan 22, 2022, 10:08 AM IST

नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कई जिलों के कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। वैसे तो यह संवाद जिलों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी फीडबैक लेने के लिए आयोजित किया गया था, हालांकि इस दौरान अधिकांश समय प्रधानमंत्री ही बोलते रहे। बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने जिला कलेक्टरों को कई उपदेश दिए और इतिहास रचने का मंत्र भी बताया।

जिला कलेक्टरों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा कनेक्ट, एक इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है। एक तरह से गवर्नेंस का ‘टॉप टू बॉटम’ और ‘बॉटम टू टॉप’ फ़्लो होना चाहिए। जीवन में लोग अपनी आकांक्षाओं के लिए दिन रात परिश्रम करते हैं और कुछ मात्रा में उन्हें पूरा भी करते हैं। लेकिन जब दुसरो की आकांक्षाएं अपनी बन जाएं, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्यपथ इतिहास रचता है।'

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, 'एक तरफ बजट बढ़ता रहा, योजनाएं बनती रहीं, आंकड़ों में आर्थिक विकास भी होता रहा, लेकिन फिर भी आजादी के 75 साल बाद भी देश में कई जिले पीछे ही रह गए। समय के साथ इन जिलों के साथ पिछड़े जिलों का टैग लगा दिया गया। आज ये जिले, देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं। आप सबके प्रयासों से, आकांक्षी जिले, आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं। जो जिले पहले कभी तेज प्रगति करने वाले माने जाते थे, आज कई पैमानों में ये आकांक्षी जिले भी उनसे अच्छा काम करके दिखा रहे हैं। CM's भी मानते हैं कि उनके राज्यों में आकांक्षी जिलों ने कमाल का काम किया है।'

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प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि, 'आकांक्षी जिलों में जो काम हुआ है वो बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के लिए अध्ययन का विषय है। पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गाँव तक बिजली पहुंची है। आकांक्षी जिलों में जो लोग रहते हैं, उनमें आगे बढ़ने की तड़प होती है।  इन लोगों ने अपने जीवन का अधिकतर समय अभावों में, मुश्किलों में गुजारा है। हर छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्होंने परिश्रम किया है। इसलिए वो लोग साहस दिखाने के लिए, रिस्क उठाने के लिए तैयार होते हैं।'

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, 'आजादी के इस अमृतकाल में करने और पाने के लिए बहुत कुछ है। एक एक आकांक्षी जिले का विकास देश के सपनों को पूरा करेगा। आजादी के 100 साल पूरे होने पर नए भारत का जो सपना हमने देखा है, उनके पूरे होने का रास्ता हमारे इन जिलों और गांवों से होकर ही जाता है। एक दूसरे का सहयोग करते हुए, एक दूसरे से सीखते हुए, एक दूसरे को सीखाते हुए जो कार्यशैली विकसित होती है, वो गुड गवर्नेंस की बहुत बड़ी पूंजी है।'