IPS अफसर को NIA ने किया गिरफ्तार, लश्कर ए तैयबा को देता था गोपनीय जानकारी

लश्कर को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अरविंद नेगी कई मामलों की जांच टीम का हिस्सा रह चुके हैं, अरविंद नेगी पुलवामा हमले की जांच टीम का भी हिस्सा थे, इतना ही नहीं नेगी टेरर फंडिंग की जांच मामलों में अपने योगदान के लिए सम्मानित भी किए जा चुके हैं

Updated: Feb 19, 2022, 05:51 AM IST

Photo Courtesy: Times Of India
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नई दिल्ली। आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा को गोपनीय जानकारी देने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने आईपीएस अफसर अरविंद नेगी को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अरविंद नेगी के अलावा पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। नेगी पर लश्कर ए तैयबा तक सुरक्षा संबंधी खुफिया जानकारी पहुंचाने के आरोप हैं। 

 नवंबर 2021 में एनआईए ने अरविंद नेगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस दौरान एनआईए ने अरविंद नेगी के किन्नौर और सिरमौर स्थित ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। इस मामले में पूछताछ के लिए अरविंद नेगी को एनआईए ने दिल्ली बुलाकर पूछताछ भी की थी। जिसके बाद शुक्रवार को नेगी को लश्कर ए तैयबा को गोपनीय जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

एनआईए ने देश भर में फैले ओवरग्राउंड नेटवर्क की जांच शुरू की थी। इस दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों से एनआईए को अरविंद नेगी के बारे में कथित तौर पर सुराग मिले थे। जिसके बाद से ही अरविंद नेगी एनआईए की रडार पर थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक अरविंद नेगी के ठिकानों पर हुई छापेमारी में कई गोपनीय दस्तावेज भी एनआईए के हाथ लगे थे।

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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एनआईए की पकड़ में आने की भनक अरविंद नेगी को पहले ही लग चुकी थी। लिहाजा अरविंद नेगी ने एनआईए में अपनी प्रतिनियुक्ति समाप्त करने और वापस हिमाचल प्रदेश पुलिस कैडर में नियुक्ति की मांग की थी। जिसके बाद नेगी को हिमाचल प्रदेश कैडर में प्रतिनियुक्त कर दिया गया था। अरविंद नेगी एसडीआरएफ में बतौर एसपी कार्यरत थे।

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इससे पहले नेगी ग्यारह वर्षों तक एनआईए में अपनी सेवा दे चुके थे। अहम बात यह कि नेगी टेरर फंडिंग के कई मामलों की जांच टीम का भी हिस्सा थे। इतना ही नहीं वे पुलवामा हमले की जांच कर रहे दल में भी शामिल थे। नेगी पर आरोप है कि उन्होंने जांच की आड़ में लश्कर ए तैयबा को कई गुप्त जानकारियां उपलब्ध कराईं, जिस वजह से आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि अरविंद नेगी को टेरर फंडिंग मामलों की जांच में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।