दो महीने में 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए दाम, फिर की 9.50 रुपए की कटौती, सरकार की चालाकी पर विपक्ष हमलावर

विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि जनता को बेवकूफ मत बनाएं, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो दर 2014 में थी वही लागू करे सरकार

Updated: May 22, 2022, 06:44 AM IST

नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का सामना कर रहे देशवासियों को केंद्र सरकार ने शनिवार को मामूली राहत दी है। केंद्र सरकार बड़ी चालाकी से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का ऐलान कर वाहवाही बटोर रही है। पिछले दो महीनों में पेट्रोल की कीमतों में 10 रुपए का इजाफा कर अब साढ़े नौ रुपए की कटौती करने के फैसले पर विपक्ष हमलावर है। विपक्षी दलों ने इसे जनता के साथ धोखा करार दिया है।

केंद्र के ऐलान के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'वित्त मंत्री जी, आज पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर है। आपने कहा है कि कीमतें 9.50 रुपये प्रति लीटर कम होंगी। 21 मार्च 2022 यानी 60 दिनों पहले पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर थी। 60 दिनों में आपने पेट्रोल की कीमतें 10 प्रति लीटर बढ़ाईं और अब 9.50 रुपये प्रति लीटर कम कर दीं। लोगों को मूर्ख मत बनाओ।'

सुरजेवाला ने आगे लिखा कि, 'प्रिय FM, जनता को कितना बेवक़ूफ़ बनाएँगे? आज डीज़ल की क़ीमत है ₹96.67/लीटर।
आज आपने डीज़ल की क़ीमत ₹7 कम की। 21 मार्च, 2022 को सिर्फ़ 60 दिन पहले, डीज़ल की क़ीमत ₹86.67/लीटर थी
60 दिन में आपने पहले डीज़ल की क़ीमत ₹10/लीटर बढ़ा दी और अब ₹7/लीटर घटा दी। क्या फ़ायदा?'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि पेट्रोलियम पदार्थों पर Central Excise Tax की जो दर 2014 में थी वही दर लागू की जानी चाहिए। पेट्रोल की क़ीमत ₹20 व डीज़ल ₹26 रूपये कम होनी चाहिए।

ईंधन की कीमतों में कमी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र को यह ढोंग बंद करना चाहिए और पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी और शनिवार को इसमें 8 रुपये की कटौती करने की घोषणा की है।

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ठाकरे ने कहा, 'पहले बड़े पैमाने पर कीमतें बढ़ाएं और फिर उन्हें मामूली पैमाने पर घटाएं, और फिर कीमतों में कमी का ढोंग करें।यह सही नहीं है। देश के लोगों को सही मायने में राहत तभी मिलेगी जब उत्पाद शुल्क में उतनी ही कटौती की जाए जितनी छह-सात साल पहले थी।'

देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने लिखा कि, 'दो महीने में 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ाएँ और पेट्रोल पर 9.50 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 7 रुपये प्रति लीटर की कटौती करें।यह अधिक लूटने और बाद में  कम भुगतान करने के बराबर है! असली कटौती तब होगी जब केंद्र पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले उपकर में कटौती करे (जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है)'