हिंदू वोटों को बांटकर किसके वोट इकट्ठा करना चाहते हो, टीएमसी पर हमला कर पीएम मोदी ने चला सियासी दांव

प्रधानमंत्री मोदी ने कानपुर देहात में रैली को संबोधित करते हुए गोवा का उदाहरण दिया, गोवा में टीएमसी नेता के एक इंटरव्यू का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि नेता ने इंटरव्यू में कहा था कि टीएमसी ने उस पार्टी(शिवसेना) से गठबंधन इसलिए किया है, क्योंकि हम हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं

Publish: Feb 14, 2022, 09:19 AM IST

कानपुर। पांचों राज्यों में जारी चुनावी सरगर्मी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीएमसी पर हमला कर बड़ा सियासी दांव चला है। प्रधानमंत्री ने कानपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए गोवा में चुनाव लड़ रही टीएमसी पर हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टीएमसी आखिर हिंदू वोटों को बांटकर किसके वोट इकट्ठा करना चाहती है। प्रधानमंत्री ने वोटरों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी इस तरह की राजनीति को दफना दें। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी संज्ञान लेने की अपील कर दी।

कानपुर देहात में रैली के संबोधन के समय प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गोवा के एक अखबार में टीएमसी नेता का इंटरव्यू पढ़ रहा था। इंटरव्यू में ममता बनर्जी की पार्टी के एक नेता ने कहा था कि टीएमसी ने उस पार्टी(शिवसेना) के साथ गठबंधन इसलिए किया है, क्योंकि हम हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आखिर ये लोग हिंदू वोटों को बांटकर किसके वोट इकट्ठा करना चाहते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या यही सेक्युलरिज्म है? प्रधानमंत्री ने इसके बाद यूपी, गोवा समेत तमाम चुनावी राज्यों के मतदाताओं से अपील कर दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं अपील करना चाहता हूं कि आप लोग इस तरह की राजनीति को दफन कर दें। 

प्रधानमंत्री के इस बयान की काफी चर्चा हो रही है। राजनीतिक पंडित इसे हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का सियासी दांव बता रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा ही सियासी दांव पिछले विधानसभा चुनावों के वक्त भी चला था। 2017 के फरवरी महीने में उन्होंने यूपी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर एक गांव में कब्रिस्तान है, तो श्मशान भी होना चाहिए। रमजान पर बिजली आती है, तो दिवाली पर भी आनी चाहिए। 

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हिंदू बनाम मुस्लिम में तब्दील हो गया था। इस दांव का यूपी चुनावों में फायदा भी हुआ, और बीजेपी तीन सौ से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाने में सफल हो गई। अब प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर वैसा ही सियासी दांव चल दिया है।