अशोक गहलोत से मिलीं प्रियंका गांधी, चुनाव नतीजों से पहले उम्मीदवारों की हो सकती है बाड़ेबंदी

पांच राज्यों में चुनावों के बाद राजस्थान बन सकता है सियासी बाड़ेबंदी का गवाह, राजस्थान सीएम अशोक गहलोत से हुई प्रियंका गांधी की मुलाकात, खरीद फरोख्त से बचने के लिए तीन राज्यों के उम्मीदवारों को भेजा जा सकता है राजस्थान

Updated: Mar 08, 2022, 05:58 AM IST

नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में चुनाव अब पूरे हो चुके हैं। ऐसे में अब सभी लोग 10 मार्च का इंतजार कर रहे हैं, जब चुनावी नतीजों की घोषणा होगी। वोटिंग समाप्त होते ही राजनीतिक दलों ने नतीजों के बाद बनने वाले राजनीतिक समीकरणों पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार फिर राजस्थान सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की है।

प्रियंका गांधी सोमवार को जयपुर पहुंची। यहां प्रियंका गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की। इस दौरान प्रियंका गांधी के साथ राजीव शुक्ला भी नजर आए। बताया जा रहा है कि गहलोत के साथ बैठ कर प्रियंका गांधी ने भविष्य की राजनीति व समीकरणों पर विचार विमर्श किया। यह मुलाकात इसलिए बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि करीब एक हफ्ते पहले भी अशोक गहलोत की राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात हुई थी।

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दरअसल, इस मुलाकात को चुनाव नतीजों के बाद खरीद-फरोख्त से पार्टी के भीतर होने वाली टूट को रोकने के लिए मंथन के तौर पर देखा जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रत्याशियों को जोड़-तोड़ की राजनीति से बचाने के लिए कांग्रेस पंजाब, गोवा और उत्तराखंड के अपने सभी कैंडिडेट्स को चुनाव परिणाम आने से पहले राजस्थान शिफ्ट कर सकती है। इन तीनों राज्यों के कांग्रेस उम्मीदवारों को जयपुर या राजस्थान के किसी दूसरे शहर में बाड़ेबंदी में रखा जा सकता है।

कांग्रेस के लिहाज से प्रत्याशियों को जोड़-तोड़ की राजनीति से बचाने के लिए राजस्थान सबसे सुरक्षित राज्य है। चूंकि वर्तमान में कांग्रेस की केवल 3 राज्यों में पूर्ण बहुमत की सरकार है। इन तीन राज्यों में से पंजाब में चुनाव हुए हैं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तुलना में उम्मीदवरों की बाड़ेबंदी के लिहाज से राजस्थान कई मायनों में ज्यादा सुरक्षित है। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत राजनीति के माहिर खिलाड़ी भी माने जाते हैं और उन्हें पार्टी को इस तरह के संकटों से उबारने का लंबा अनुभव भी है। साथ ही वे हाईकमान के भी भरोसेमंद माने जाते हैं।

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राजस्थान में कांग्रेस इससे पहले कई बार विधायकों की सफल बाड़ेबंदी कर चुकी है। महाराष्ट्र के सियासी संकट से लेकर गुजरात राज्यसभा चुनाव और असम विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायकों और प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी राजस्थान में ही की गई थी। राजस्थान में सियासी संकट के दौरान सीएम गहलोत खुद अपने विधायकों की सफल बाड़ेबंदी कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मार्च 2022 में एक बार फिर से राजस्थान सियासी बाड़े बंदी का गवाह है बन सकता है।