सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची असली शिवसेना की लड़ाई, उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को बताया असंवैधानिक

चुनाव आयोग ने टीम ठाकरे और एकनाथ शिंद गुट से शिवसेना पर अपना अधिकार साबित करने को लेकर दस्तावेज देने को कहा है, चुनाव आयोग ने इसके लिए दोनों ही गुट को 8 अगस्त तक का समय दिया है

Updated: Jul 25, 2022, 07:39 AM IST

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन तो बन गए। लेकिन यह विवाद अभी थमता नहीं दिख रहा है। अब उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के के बीच शिवसेना नाम को हासिल करने के लिए लड़ाई शुरू हो गई है। इतना ही नहीं यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

उद्धव खेमे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर असली शिवसेना के रूप में मान्यता के लिए एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। उद्धव गुट का कहना है कि चुनाव आयोग यह निर्धारित नहीं कर सकता कि बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने तक असली शिवसेना कौन है। 

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इतना ही नहीं उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के आदेश को असंवैधानिक और जल्दबाज़ी में लिया फैसला करार दिया है। ठाकरे ग्रुप के शिवसेना महासचिव सुभाष देसाई ने सर्वोच्च अदालत में यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा है कि शिंदे गुट अवैध रूप से संख्या बढ़ाने और संगठन में कृत्रिम बहुमत बनाने की कोशिश कर रहा है। 

उद्धव खेमे ने तर्क दिया है कि यह मुद्दा पहले से ही  सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। यदि चुनाव आयोग इस मामले पर आगे बढ़ता है तो यह अपूरणीय क्षति का कारण बनेगा, जो मामला अदालत  के समक्ष विचाराधीन है, उसमें जांच करना न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप के बराबर है। इस तरह ये अदालत की अवमानना के बराबर है। चुनाव आयोग की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए।

दरअसल, चुनाव आयोग ने टीम ठाकरे और एकनाथ शिंद गुट से शिवसेना पर अपना अधिकार साबित करने को लेकर दस्तावेज देने को कहा है, चुनाव आयोग ने इसके लिए दोनों ही गुट को 8 अगस्त तक का समय दिया है।