चिंतित अभिभावकों की सुध ले सरकार, बच्चों की वस्तुस्थिति बताने के लिए हेल्पलाइन बनाए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की निकासी से संबंधी जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार को हेल्पलाइन जारी करने का सुझाव दिया, ताकि माता पिता अपने बच्चों की वस्तुस्थिति के बारे में पता कर सकें

Publish: Mar 04, 2022, 08:13 AM IST

नई दिल्ली। यूक्रेन संकट के बीच भारतीय छात्रों की निकासी के लिए भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार को हेल्पलाइन व्यवस्था शुरू करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को अभिभावकों के लिए एक हेल्पलाइन व्यवस्था शुरू करनी चाहिए ताकि अभिभावक अपने बच्चों की वस्तुस्थिति के बारे में पता कर सकें। 

सीजेआई रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार के ऑपरेशन गंगा अभियान की सराहना करते हुए कहा कि हम छात्रों की निकासी के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हैं, लेकिन यूक्रेन और पड़ोसी देशों की सीमाओं पर फंसे हजारों छात्रों के माता पिता चिंतित हैं। ऐसे में केंद्र सरकार इन छात्रों की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए अलग से हेल्पलाइन व्यवस्था शुरू करे। ताकि माता पिता अपने बच्चों के बारे में यह पता कर सकें कि इस वक्त वे कहां हैं? 

इसके अलावा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आज सुप्रीम कोर्ट में बताया कि अब तक लगभग 17 हजार छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकाला जा चुका है। लेकिन अभी भी कुछ छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, केंद्र सरकार यूक्रेन से उनकी निकासी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। 

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन संकट के मामले में किसी भी अन्य कोर्ट को सुनवाई करने के निर्दश दिए। सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास लंबित है, तब तक अन्य कोई भी न्यायालय इस मामले में सुनवाई न करे। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को करेगा। 

सीजेआई रमन्ना, न्यायाधीश एस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की तीन सदस्यीय बेंच के समक्ष यूक्रेन संकट पर त्वरित सुनवाई करने की याचिका आई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले की सुनवाई शुरू किया। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि अदालत युद्ध को नहीं रोक सकती, क्या हम रूसी राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध रोकने के आदेश दे सकते हैं?