मुफ्त चुनावी घोषणाएं करने वाली पार्टियों का रद्द हो नामांकन, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को दिए निर्दश

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को ऐसी घोषणाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश तय करने के निर्दश दिए हैं, कोर्ट ने कहा है कि जनता के पैसे को ही जनता में मुफ्त में बांटने का दावा करने वाली पार्टियों पर एक्शन लिए जाने के संबंध में दिशानिर्देश तय किए जाएं

Updated: Jan 25, 2022, 07:42 AM IST

नई दिल्ली। चुनावी मौसम में जनता को मुफ्त में चीजें बांटने का दावा करने वाले राजनीतिक दलों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को इस बाबत दिशानिर्देश जारी करने के निर्दश दिए हैं। कोर्ट ने यहां तक कहा है कि मुफ्त में चीज़ें बांटने का वादा करने वाली राजनीतिक पार्टियों के नामांकन भी रद्द किए जा सकते हैं। 

सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर एक दिशानिर्देश तैयार करने के लिए कहा है, जिसके ज़रिए चुनावी मौसम में जनता के पैसे को जनता को ही मुफ्त में बांटने की होने वाली घोषणाओं को रोका जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या इसे भ्रष्टाचार के दायरे में लाया जा सकता है? क्योंकि मुफ्त चीज़ें या स्कीम का बोझ टैक्सपेयर पर पड़ता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसी पार्टियों पर कार्रवाई करने के दिशानिर्देश तय होने चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने यहां तक कहा है ऐसी घोषणाएं करने वाली पार्टियों का नामांकन रद्द किया जा सकता है या उनका चुनाव चिन्ह भी जब्त किया जा सकता है।