TMC सांसद के राज्यपाल हटाने की मांग पर बोले पीएम मोदी, आप रिटायर हो जाएं तब देखते हैं

टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने मुलाकात के वक्त प्रधानमंत्री मोदी से यह मांग कर दी कि वे पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को हटा दें, टीएमसी सांसद की इस मांग पर प्रधानमंत्री मोदी ने मजाकिया लहजे में जवाब दे दिया

Publish: Feb 02, 2022, 08:50 AM IST

Photo Courtesy: Aaj Tak
Photo Courtesy: Aaj Tak

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच जारी घमसान के बीच टीएमसी के एक सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने राज्यपाल को हटाने की मांग रख दी। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी सांसद को मजाकिया अंदाज में जवाब दे दिया। पीएम मोदी ने सांसद से कहा कि वे उनकी इस मांग पर तब विचार करेंगे, जब सांसद रिटायर हो जाएंगे। 

यह घटना उस वक्त हुई जब प्रधानमंत्री मोदी संसद में बजट पेश होने के बाद विपक्षी सांसदों से मुलाकात कर रहे थे। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी से मुलाकात करने के ठीक बाद टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने प्रधानमंत्री मोदी से पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य सरकार के बीच घमासान का ज़िक्र छेड़ दिया।

टीएमसी सांसद ने प्रधानमंत्री से कहा कि पश्चिम बंगाल के गवर्नर को हटा दीजिए। वह सरकार चलाने में मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने टीएमसी सांसद से कहा कि आप पहले रिटायर हो जाएं, तब इस पर विचार करेंगे। 

यह भी पढ़ें : ईडी के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर को बीजेपी ने दिया टिकट, पी चिदंबरम, रॉबर्ट वाड्रा सहित कई मामलों की थी जांच

प्रधानमंत्री के इस जवाब के बाद सौगत रॉय ने मीडिया से बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के जवाब को लेकर कहा कि पता नहीं पीएम ने ऐसी बात क्यों कही? आखिर प्रधानमंत्री ऐसा क्यों चाहते हैं कि मैं रिटायर हो जाऊं? टीएमसी सांसद ने चुटकी लेते हुए कहा कि हो सकता है कि प्रधानमंत्री मेरे रिटायर होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे मुझे राज्यपाल बना सकें।

पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य के सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस के बीच घमासान जारी है। तल्खी इस कदर बढ़ चुकी है कि राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल को ट्वीटर पर ब्लॉक भी कर दिया है। सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल को ब्लॉक करने के बाद कहा भी था कि सरकार और उसके कर्मचारी राज्यपाल के बंधुआ मजदूर नहीं हैं। सीएम ममता राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर केंद्र के एजेंट के तौर पर काम करने का भी आरोप लगाती रही हैं।