महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया इस्तीफ़ा, फ़ेसबुक लाइव में की घोषणा

फ़्लोर टेस्ट के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद उद्धव सरकार की हार तय मानी जा रही थी.. बाग़ी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के मज़बूत दावे के आगे महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गयी और उद्धव ठाकरे ने सीएम पद के साथ ही विधान परिषद सदस्यता से भी इस्तीफ़ा दे दिया

Updated: Jun 30, 2022, 02:09 AM IST

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफ़ा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फ़ेसबुक पर लाइव के दौरान ठाकरे ने यह घोषणा की है। उद्धव ने मुख्यमंत्री पद के साथ ही विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं देर रात उन्होंने अपना इस्तीफा भी खुद राजभवन जाकर सौंप दिया। इसके साथ ही महाराष्ट्र में लगभग ढ़ाई साल से चली आ रही महाविकास अघाड़ी सरकार का अंत हो गया। उद्धव ने अपनी घोषणा में सरकार का आखिर तक साथ निभाने के लिए शरद पवार और सोनिया गांधी का धन्यवाद दिया लेकिन अपनों के धोखे से आहत दिखे। 

उद्धव ठाकरे ने हालांकि अपने फेसबुक लाइव के दौरान यह भी कहा कि "मैं नहीं चाहता कि शिवसैनिकों का खून बहे, इसलिए पद छोड़ रहा हूं.. आप चाहें तो इसकी खुशी मना सकते हैं" यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि रिक्शेवाला, पानवाला और न जाने कितनों को बालासाहब ने मंत्री बनाया लेकिन आज वो लोग उन्हें भूल गए। उन्होंने बागियों को मनाने की कोशिश भी की और एनसीपी, कांग्रेस का साथ छोड़ने तक की पेशकश की लेकिन वो ही साथ छोड़ गए जिन्हें सबकुछ दिया।

 दुखी मन से अपनी ही पार्टी के विधायकों को बार बार संबोधित करते हुए उनकी नाराजगी को गलत बताया और कहा कि उन्हें हमसे आकर बात करनी थी न कि सूरत और गुवाहाटी में जाकर बैठना था। कल ही फ्लोर टेस्ट कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए उन्होंने पद छोड़ दिया। शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट टालने की याचिका दायर की थी, मगर उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिली। फेसबुक लाइव के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह शिवसेना के लिए अंत नही बल्कि एक नयी शुरूआत है और अब पार्टी फिर से उसी तरह खड़ी होने की कोशिश करेगी जैसे 1966 में इसकी शुरूआत हुई थी। 

इससे पहले अपने मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक कर उन्होंने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उन्हें संतोष है कि वे बाला साहेब की इच्नेछा अनुरूप इन दोनों शहरों का नाम संभाजीनगर और धाराशिव कर सके। बालासाहेब की इस घोषणा को आधिकारिक रूप में लाने का दावा किया। 

उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद अब गेंद एकनाथ शिदे के पाले में है। माना जा रहा है कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट मिलकर अब नयी सरकार बना सकते हैं। कयास लगाे जा रहे हैं कि अब बीजेपी की शर्तों पर शिवसेना के बागी विधायक नयी सरकार के गठन में शामिल हो सकते हैं।