यूक्रेन से लौटे छात्रों को भारत के संस्थानों में दाखिला दिलाए मोदी सरकार, बीजेपी सांसद वरुण गांधी की मांग

वरुण गांधी ने कहा कि हजारों छात्रों का भविष्य अब अधर में लटक गया है, ऐसे में भारत सरकार को इन छात्रों के भविष्य का बीड़ा अपने कंधों पर उठाना चाहिए

Updated: Mar 06, 2022, 08:27 AM IST

नई दिल्ली। यूक्रेन रूस युद्ध के बाद भारत लौटने पर मजबूर हुए मेडिकल छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। ऐसे में बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने मोदी सरकार से अपील की है कि वह यूक्रेन से लौटे छात्रों को भारत के संस्थानों में दाखिला दिलाए ताकि छात्र अपनी पढ़ाई को जारी रख सकें। 

वरुण गांधी ने कहा कि यूक्रेन विवाद ने हजारों छात्रों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है। एक तरफ युद्धभूमि की कड़वी स्मृतियाँ हैं और दूसरी तरफ अधर में लटका हुआ भविष्य।हमें नियमों को शिथिल कर भारतीय संस्थानों में इन छात्रों का समायोजन करना होगा।उनकी और उनके अभिभावकों की चिंता, हमारी चिंता होनी चाहिए।

इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी प्रधानमंत्री मोदी से यूक्रेन से लौटे छात्रों को भारत के संस्थानों में समायोजित करने की मांग की है। जिसमें फाइनल ईयर के छात्रों को प्राथमिकता देने की मांग की गई है। 

वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी प्रधामंत्री मोदी को इस सिलसिले में चिट्ठी लिखी है। दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में छात्रों की पढ़ाई का खर्चा उठाने की भी अपील की है। कांग्रेस नेता ने कहा है कि ज्यादातर छात्र मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं और उनका काफी धन यूक्रेन में खर्च हो चुका है। ऐसे में उनकी बची पढ़ाई का खर्चा भी केंद्र सरकार को अपने कंधों पर वहन करना चाहिए। 

भारत के बीस हजार से अधिक छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन यूक्रेन रूस युद्ध की वजह से उन्हें यूक्रेन से वापस भारत लौटने पर मजबूर होना पड़ा है। अभी भी कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। युद्ध के कारण इन छात्रों की पढ़ाई अवरुद्ध हो गई है। निकट भविष्य में यूक्रेन में हालात सामान्य होने के आसार कम हैं। ऐसे में भारत सरकार से इन छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के संबंध में नीतिगत निर्णय लिए जाने की मांग की जा रही है।