PM Modi In Leh : चीन से तनाव के बीच लेह पहुंचे पीएम मोदी

Indian Army का हौंसला बढ़ाने के लिए दुनिया की सबसे खतरनाक व दुर्गम पोस्ट में से एक नीमू पोस्ट पहुंचे पीएम मोदी

Publish: Jul 04, 2020, 01:00 AM IST

Photo courtesy : twitter
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पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन से चल रहे विवाद के बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद मोदी शुक्रवार सुबह अचानक लेह पहुंचे। मोदी यहां अग्रिम पोस्ट पर तैनात थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत और आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान मोदी 15 जून की रात हुए हिंसक झड़प के दौरान घायल जवानों से भी मुलाकात करेंगे।

शुक्रवार 3 जुलाई को सुबह पीएम मोदी ने समुद्र तल से तकरीबन 11 हजार फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू पोस्ट पर पहुंच कर सबको चौंका दिया है। सीमा पर भारतीय और चीनी सेनाओं में जारी गतिरोध के बीच पीएम का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इस दौरे से मोदी अग्रिम पोस्ट पर तैनात जवानों का हौसला बढ़ाने के साथ ही चीन को कड़ा संदेश देना चाहते हैं। इस दौरान पीएम ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधा संवाद के जरिए वस्तुस्थिति की जानकारी ली वहीं बड़ी संख्या में तैनात थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत कर उनका हाल जाना।

घायल जवानों से मिलेंगे मोदी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के दौरान घायल हुए भारतीय जवानों से भी मुलाकात करेंगे। बता दें कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के दौरान कर्नल संतोष बाबू सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से सीमा पर भारी तनाव है। दोनों ओर से बड़ी संख्या में सैनिक और बड़े-बड़े हथियार तैनात हो चुके हैं।

 

इसके पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लेह दौरा तय था लेकिन गुरुवार को खबर मिली कि राजनाथ का यह दौरा रद्द हो गया है और अब केवल सीडीएस विपिन रावत लेह जाएंगे। उसके बाद सुबह तकरीबन साढ़े 10 बजे खबर आई कि पीएम मोदी लेह पहुंचे हुए हैं। पीएम शुक्रवार सुबह तकरीबन 7 बजे हेलीकॉप्टर से नीमू पोस्ट पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि नीमू पोस्ट दुनिया की सबसे खतरनाक व दुर्गम पोस्ट में से एक है।

चीन को कड़ा संदेश

पीएम मोदी का यह दौरा चीन को कड़ा संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीमा पर भारत कुछ बड़े कदम उठा सकता है। बता दें कि इसके पहले ही रविवार को प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से चीन को साफ संदेश देते हुए कहा था कि भारत अपनी जमीन पर आंख उठाने वालों को करारा जवाब देना जनता है।

हालांकि पिछले दो महीनों से चल रहे गतिरोध के बीच दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों का बातचीत का दौर जारी है। लेकिन अबतक इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। भारतीय सेना ने भी चीन को साफ कहा है कि गतिरोध खत्म करने के लिए चीन को एलएसी से अपने सैनिकों को हर हाल में पीछे हटाना होगा। इधर दोनों देशों ने सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। चीन ने एलएसी पर 20 हजार से अधिक सैनिकों को तैनात किया है वहीं भारत ने भी दो डिवीजनों कि अतिरिक्त तैनाती के साथ टैंकों व हथियारों में भी इजाफा किया है।

BRI अस्वीकार करने के लिए भारत को दंड देना चाहता है चीन

जानेमाने स्वीडिश पत्रकार बर्टील लिट्नर ने द इरावटी को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि भारत द्वारा बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को अस्वीकार करने के लिए चीन उसे दंड देना चाहता है। इसके लिए चीन LAC पर टकराव का सहारा ले रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत और चीन के बीच LAC के साथ टकराव का सीमा से कोई लेना-देना नहीं है, यह एशिया के दो दिग्गजों के बीच रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता का सवाल है, और विशेष रूप से, चीन अपने बहुराष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के कार्यक्रम, बीआरआई को अस्वीकार करने के लिए भारत को दंडित करना चाहता है।' बता दें कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) चीन का बहुप्रतीक्षित योजना है जिसे भारत ने अस्वीकार किया है।