Shivraj Cabinet :  कल 25 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना

Cabinet Expansion in MP : उलझे पेंच सुलझाने की कवायद, दिल्‍ली से लेकर भोपाल तक सियासती दांवपेंच

Publish: Jul 01, 2020, 01:20 AM IST

courtesy :  indian express
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नई दिल्‍ली में बीजेपी नेतृत्‍व से मंत्रिमंडल विस्‍तार पर गहन चर्चा के बाद मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल लौट आए हैं। कल मंत्रिमंडल विस्‍तार की सुगबुगाहट है। चर्चा है कि बुधवार को 25 मंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण के लिए भाजपा नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के भी बुधवार को भोपाल आने की सूचना है। सीएम के लौट आने के बाद अब संभावित मंत्रियों के नामों के कयास लगाए जा रहे है। ज्‍यादा उत्‍सुकता कौन शामिल होगा इसमें नहीं है, बल्कि यह जानने में है कि कौन ड्रॉप होगा। शिवराज कैबिनेट के पांच पूर्व मंत्रियों और ज्‍योतिदित्‍य सिंधिया गुट के नेताओं के नामों और विभागों पर पेंच उलझा है।  

मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भोपाल में कई बैठकों के बाद संभावित मंत्रियों की सूची लेकर रविवार शाम को दिल्‍ली गए थे। बाद में वहां गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा को भी बुलाया गया। वहां पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया से मुलाकात और लंबी बातचीत के बाद मुख्‍यमंत्री चौहान आज सुबह भोपाल लौट आए हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा अभी भी दिल्‍ली में ही हैं। दिल्‍ली में उलझे पेंच पर मंथन जारी है।

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सूत्रों के अनुसार गहन चर्चा के बाद भी मंत्रियों के नामों पर सहमति नहीं बनी है। नेताओं के साथ मंथन के बाद कुछ पुराने नामों को ड्रॉप करने पर सहमति बनी है। सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिसेन, जगदीश देवड़ा, विजय शाह, अजय विश्‍नोई आदि के नामों पर चर्चा हुई। इनमें से शिवराज खेमे के रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्‍ला को मंत्री बनाने पर सहमति नहीं बन पाई है। इसी तरह विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन और अजय विश्‍नोई के नाम पर भी मुहर नहीं लग पाई है।  

सिंधिया को दिखाया सर्वे, नाम पर करें विचार

खबर है कि सिंधिया खेमे से 12 मंत्री बनाना तय हुआ है। अभी गोविंद‍ सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट मंत्री बनाए जा चुके हैं। 10 और नेताओं को जगह देनी है। चर्चा में सिंधिया को बीजेपी ने अपने कुछ नाम बदलने के लिए कहा है। दूसरी तरफ सिंधिया ने उपमुख्‍यमंत्री बनाने तथा अपने खेमे के नेताओं को कांग्रेस के समय मिले विभाग ही देने की शर्त रखी है। बीजेपी को अभी इस पर विचार करना है। सिंधिया खेमे से इमरती देवी, प्रद्युमन सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसौदिया प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, रणवीर सिंह जाटव, बिसाहूलाल सिंह, ऐंदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग दावेदार हैं।

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इनका क्‍या होगा

कमलनाथ सरकार गिराने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नरोत्‍तम‍ मिश्रा को मंत्री तो बना दिया गया है लेकिन यदि सिंधिया खेमे से किसी को उपमुख्‍यमंत्री बनाया जाता है तो मिश्रा की ओर से भी उपमुख्‍यमंत्री पद की दावेदारी प्रभावित होगी। उनके साथ ऑपरेशन लोटस में विधायक संजय पाठक, अरविंद भदौरिया, रामेश्वर शर्मा और विश्वास सारंग ने भी भूमिका निभाई थी। इनमें से सभी को मं‍त्री बनाना संभव नहीं हो रहा है। इनमे से किसका नाम कटेगा यह देखना दिलचस्‍प होगा।

नाराजी क्‍या परिणाम देगी

मालवा और विंध्‍य का समीकरण सबसे अधिक उलझा हुआ है। विंध्‍य में राजेंद्र शुक्‍ला और केदार शुक्‍ला में किसी एक को चुनना है। मालवा में इंदौर से उषा ठाकुर और रमेंश मेंदौला दावेदार हैं। रतलाम-मंदसौर क्षेत्र से हरदीप सिंह डंग को सिंधिया खेमे से और बीजेपी से चेतन कश्‍यप को लिया जाता है तो बीजेपी के वरिष्‍ठ विधायक जगदीश देवड़ा, यशपाल सिंह सिसौदिया, राजेंद्र पाण्‍डेय, ओमप्रकाश सकलेचा और पारस जैन में से तीन के नाम कटना तय है। ऐसे मे मालवा में असंतोष उभर सकता है। देखना होगा कि पार्टी छोड़ने की धमकी दे चुके इन वरिष्‍ठ नेताओं से बीजेपी कैसे निपटेगी?