इंदौर। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का निधन हो गया है। बुधवार सुबह उन्होंने इंदौर में अंतिम सांस ली। वे काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे।

 जयप्रकाश चौकसे पिछले काफी दिनों से कैंसर से जूझ रहे थे। एक पूरी पीढ़ी जयप्रकाश चौकसे को दैनिक अखबार में आने वाले उनके 'परदे के पीछे' कॉलम के लिए जानती थी। 26 फरवरी को उनका आखिरी कॉलम दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ था।

26 फरवरी को अपने कॉलम में जयप्रकाश चौकसे ने लिखा था कि यह उनका अंतिम कॉलम है। चौकसे ने बताया था कि उन्होंने बीमारी से जूझने के बाद भी अपने पाठकों के लिए लिखना नहीं छोड़ा था। लेकिन अब उनका शरीर व याददाश्त उनका साथ नहीं दे रही हैं।

हालांकि जयप्रकाश चौकसे ने अपने पाठकों से यह वादा किया था कि अगर उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ तो वे एक बार फिर अपने पाठकों के लिए अपने कॉलम को लेकर हाज़िर हो जाएंगे। लेकिन अब उनके निधन ने पाठकों की उम्मीद को तोड़ दिया है। जयप्रकाश चौकसे के निधन से उनके पाठकों के साथ साथ पूरा पत्रकारिता जगत स्तब्ध है। हर कोई जयप्रकाश चौकसे को श्रद्धांजलि दे रहा है और उनसे जुड़ी अपनी यादों को साझा कर रहा है।

जयप्रकाश चौकसे मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। उनका जन्म 1 सितंबर 1939 को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में हुआ था। पत्रकारिता जगत में उन्होंने अपना एक मुकाम हासिल किया था। इसके साथ ही वे लेखन से भी जुड़े रहे। जयप्रकाश चौकसे ने दराबा और ताज बेकरारी का बयान के शीर्षक से उपन्यास भी लिखे थे।