रायपुर। मध्यप्रदेश की ही तरह छत्तीसगढ़ में भी चयनित होने के बाद भी हजारों युवा सरकारी शिक्षक बनने की बाट जोह रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ के युवा नौकरी का इंतजार करते-करते इतने परेशान हो गए हैं कि वे अब मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं। चयनित शिक्षकों के सलेक्शन के बाद भी भर्ती नहीं होने से युवाओं में रोष है, उनका कहना है कि पहले वे कहीं ना कहीं निजी स्कूलों पढ़ाते थे, लेकिन सरकारी नौकरी की आस में नौकरी छोड़ दी। उन्हें आशा थी कि सरकारी नौकरी लगने वाली है, अब इनको अन्य नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं, क्योंकि ये लोग सलेक्टेड हैं। भर्ती का इंतजार कर रहे कई युवा अब खेतों में मजदूरी करने को मजबूर हैं। जिन्हें पढ़ाने के काम के हजारों रुपए मिलने थे वे अब 100-150 रुपए की मजदूरी करने को मजबूर है। इन युवाओं के जिम्मे परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी है। कर्जा लेकर घर चलाने को मजबूर हैं, और वह कर्ज चुकाने के लिए कहीं और काम नहीं मिलने पर मजदूरी करना पड़ रहा है। इन युवाओं की मांग है कि इन्हें जल्द से जल्द पोस्टिंग दी जाए।

दरअसल छत्तीसगढ़ में साल 2019 में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की सीधी भर्ती का आयोजन किया था। जिसमें मेरिट के आधार पर 14,580 युवाओं को सलेक्ट किया गया था। लेकिन चयनित होने के करीब तीन तीन का वक्त गुजर जाने के बाद भी लोगों को नौकरी नहीं मिली है। परीक्षा का परिणाम जारी किया गया, मैरिट लिस्ट जारी की गई, बाकायदा प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया। वक्त बीतता जा रहा है लेकिन नियुक्ति आदेश जारी नहीं हो सके हैं, जिससे परेशान चयनित उम्मीदवारों ने दर्जनों बार प्रदेश सरकार के जिम्मेदार लोगों को ज्ञापन सौंपा और आंदोलन की धमकी भी दी।

अब युवाओं का मनोबल टूटता जा रहा है, वहीं उनकी आर्थिक स्थिति भी चिंता जनक होती जा रही है। कई युवाओं के परिवार में वे अकेले हैं जिनपर घर चलाने की जिम्मेदारी है, इस नौकरी से उन्हें आशा थी कि उनके दिन पटल जाएंगे, लेकिन अब तक पोस्टिंग नहीं होने से युवाओं के परिवारों की हालत बद से बदतर होती जा रही है।