नई दिल्ली। उद्योग जगत में बहुराष्ट्रीय कंपनी एप्पल ने इतिहास रच दिया है। एप्पल का बाजार भाव अब तीन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। कॉरपोरेट जगत में इस उपलब्धि को हासिल करने वाली एप्पल पहली कंपनी बन गई है। इससे पहले कोई भी कम्पनी इस जादुई आंकड़े को नहीं छू पाई थी। 

2007 में एप्पल द्वारा अपना पहला आईफोन लॉन्च किए जाने के बाद उसके शेयर्स में 5,800 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोरोना महामारी के दौर में भी बहुराष्ट्रीय कम्पनी को कारोबार में नुकसान नहीं झेलने पड़े। हालांकि अक्टूबर के शुरुआती दिनों में कारोबार प्रभावित रहने के बावजूद एप्पल ने अपने बाजार पूंजीकरण में 700 बिलियन डॉलर का इजाफा किया है। 

कोरोना के कारण 2020 में दुनिया लॉकडाउन की तरफ चली गई थी। जिसके बाद रोजगार, शिक्षा, मंजोरंजन इत्यादि से जुड़े रहने के लिए तकनीक पर निर्भर रहना पड़ा। ये सभी ऐसे क्षेत्र थे जिन्हें एप्पल अपने हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और मीडिया सेवाओं के माध्यम से गहराई से छूता है। इन्हीं कारणों ने एप्पल को तीन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी तक पहुंचाने में अपना योगदान निभाया। 

2018 के मध्य में पहली मर्तबा एप्पल का बाजार भाव एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा था। कोरोना महामारी की एंट्री के बावजूद अगस्त 2020 में कंपनी का बाजार भाव दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली एप्पल पहली अमेरिकी कम्पनी थी। दो ट्रिलियन डॉलर के बाजार भाव को छूने वाली पहली कंपनी सऊदी अरामको थी। दो ट्रिलियन डॉलर की उपलब्धि को हासिल करने के 16 महीने बाद अब कॉरपोरेट जगत में तीन ट्रिलियन डॉलर के बाजार भाव के मुकाम को हासिल करने वाली पहली कम्पनी बन गई है।

कंपनी के अभूतपूर्व आकार का मतलब है कि इसका समग्र इक्विटी बाजार पर स्पष्ट प्रभाव है। एस एंड पी 500 इंडेक्स में इसका वजन 7% है। तुलनात्मक रूप से Apple पूरे रसेल 2000 इंडेक्स की बराबरी करने से दूर नहीं है, जिसका मूल्य 3.51 ट्रिलियन डॉलर है।

एप्पल का बाजार भाव कई देशों की अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है। ख़ुद भारत की जीडीपी एप्पल के बाजार भाव से कम है। पांच ट्रिलियन की इकोनॉमी के आंकड़े को छूने की राह देख रहे भारत की जीडीपी तीन ट्रिलियन डॉलर से कम है। जो कि एप्पल के बाजार भाव से भी कम है।