यवतमाल। पोलो कीटनाशक के जहरीले प्रभाव की वजह से किसानों की मौत और उनमें आ रही विकलांगता से किसानों में गुस्सा है। महाराष्ट्र के यवतमाल के किसानों ने सिंजेन्टा कंपनी के खिलाफ स्विस कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। जिसमें खेत में पेस्टीसाइड के छिड़काव के दौरान जहर की वजह से किसानों की मौत का मुद्दा उठाया गया है। किसानों ने स्विट्जरलैंड के बासेल के सिविल कोर्ट में केस दर्ज किया है।  

दरअसल खरीफ 2000 के सीजन में इस पेस्टीसाइड के छिड़काव के दौरान बड़ी संख्या में किसानों की मौत हो गई थी। वहीं पोलो पेस्टीसाइड के जहरीले प्रभाव की वजह से कई किसान विकलांग हो गए थे, उनके शरीर में विकृति आ गई थी। गौरतलब है कि यह मामला महाराष्ट्र प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और एमएपीपीपी के नियंत्रक देवानंद पवार ने उठाया था।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पैन इंडिया के डायरेक्टर डॉक्टर नरसिम्हा रेड्डी ने इस पर लीगल एक्शन और मुआवजे के लिए याचिका दायर की है। आपको बता दें कि कीटनाशक के जहर से किसानों की मौत और विकलांगता का खुलासा पैन इंडिया और पब्लिक आय के सर्वेक्षण के दौरान हुआ था। सिंजेन्टा कंपनी ने आर्थिक नुकसान और किसानों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था।

जहर के कारण किसानों की मौत मानव अधिकारों का उल्लंघन है।  इसके विरोध में कोर्ट में लड़ाई जारी रखी जाएगी। यह पहला मौका है कि जब भारत का कोई केस किसी विदेशी कोर्ट में चलेगा। आपको बता दें कि इस केस में सिल्वियो रिसन थिबाऊट मेयर दलील पेश करेंगे।

आपको बता दें कि विदर्भ के कपास उगाने वाले जिले यवतमाल में इस कीटनाशक के उपयोग से किसानों में घबराहट, चक्कर आने, अंधेपन और पेट में दर्द की तकलीफ की शिकायतें सामने होने लगी थीं। इससे जिले के हजारों किसान बीमार पड़ गए और बड़ी संख्या में किसानों की मौत हो गई थी।