सऊदी अरब के मक्का में गर्मी के कारण 12 से 19 जून के बीच 645 हज यात्रियों की मौत हो गई। इनमें 68 भारतीय शामिल हैं। हालांकि सऊदी अरब ने हीट स्ट्रोक के कारण मरने वालों के आंकड़े पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यह जानकारी सऊदी अरब के एक डिप्लोमैट ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज एजेंसी AFP को दी।

डिप्लोमैट ने बताया कि कई भारतीय लापता भी हैं। मृतकों में कई बुजुर्ग तीर्थयात्री शामिल हैं। सऊदी के 2 डिप्लोमैट्स ने AFP को बताया कि ज्यादातर मौतें गर्मी की वजह से बीमार पड़ने के चलते हुई है। मरने वालों में 323 नागरिक मिस्र के, 144 इंडोनेशिया के, 68 भारत के और 60 जॉर्डन के हैं। इसके अलावा ईरान, ट्यूनीशिया और सेनेगल के हज यात्रियों की भी मौत हुई है।

मिस्र के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि वे सऊदी के अधिकारियों के साथ मिलकर लापता लोगों को खोजने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं। सऊदी अरब ने बताया कि गर्मी की वजह से बीमार हुए करीब 2 हजार हज यात्रियों का इलाज किया जा रहा है।

बता दें कि मक्का में पिछले 3 दिन में तापमान 46 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक, मक्का पर जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है।

पिछले साल हज पर गए 240 हज यात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। सऊदी ने सभी यात्रियों को छाते इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्हें लगातार पानी पीने और धूप से बचने के लिए कहा जा रहा है।