नई दिल्ली| जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए एडवाइजरी जारी की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया से आग्रह किया है कि वे रक्षा और सुरक्षा से जुड़े अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय अत्यंत जिम्मेदारी से काम लें और मौजूदा कानूनों एवं नियमों का सख्ती से पालन करें। खास तौर पर, किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान या सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज, वास्तविक समय में रिपोर्टिंग या 'सूत्रों के हवाले से' दी जाने वाली जानकारी से परहेज करने को कहा गया है।

सरकार का कहना है कि इस तरह की संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा न सिर्फ अभियान की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकता है, बल्कि सुरक्षा बलों के कर्मियों की जान को भी खतरे में डाल सकता है। मंत्रालय ने कारगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि उस समय की अनियंत्रित मीडिया कवरेज ने राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था।

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एडवाइजरी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के तहत, किसी भी आतंकी विरोधी ऑपरेशन का सीधा प्रसारण कानूनन निषिद्ध है और ऐसा करने पर संबंधित चैनल या प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। सरकार ने कहा कि जब तक कोई अभियान समाप्त नहीं हो जाता, तब तक मीडिया कवरेज को केवल सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी की आधिकारिक ब्रीफिंग तक सीमित रखना चाहिए।

मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से अपील की है कि वे राष्ट्रहित में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें और ऐसी किसी भी रिपोर्टिंग से बचें जो राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकती हो। यह आदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के साथ जारी किया गया है।