कोरोना महामारी के बीच इन गर्मियों में पूर्वी अफ्रीका से आने वाले टिड्डी दल के हमले की आशंका जताई जा रही है.

अंग्रेजी अखबार द हिंदू के अनुसार केंद्र सरकार दो फ्रंटों पर लड़ाई की तैयारी कर रही है. दोनों ही फ्रटों पर यह लड़ाई खाद्य सुरक्षा से जुड़ी है. अभी कोरोना वायरस के बीच सरकार खाद्य आपूर्ति में जुटी हुई है और टिड्डी दल के हमले को लेकर भी सरकार को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चत करनी है.

आशंका जताई जा रही है कि पूर्वी अफ्रीका से दो चरणों में टिड्डी दल आएंगे. पहले चरण में टिड्डी दल यमन, बहरीन, कतर, ईरान, सऊदी अरब और पाकिस्तान के रास्ते पंजाब, हरियाणा और कुछ गंगातटीय क्षेत्रों पर हमला करेंगे. वहीं दूसरे चरण में ये प्रायाद्वीपीय भारत में उथल-पुथल मचाते हुए बांग्लादेश चले जाएंगे. इन दोनों हमलों से देश की खाद्य सुरक्षा के गंभीर खतरे में पड़ने की आशंका है.

फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि टिड्डी दल का हमला बहुत खतरनाक होता है. टिड्डी दल के एक वर्ग किलोमीटर के झुंड मे लगभग चार करोड़ टिड्डियां होती हैं और एक दिन के भीतर लगभग 35 हजार लोगों के अनाज चट कर सकती हैं.

ज्यादातर देशों में इन टिड्डियों का मुकाबला ऑर्गेनिक फॉस्फेट रसायनों से किया जाता है. खेतों में इस रसायन का छोटे-छोटे डोजों में छिड़काव किया जाता है.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस महामारी और आर्थिक मंदी के बीच अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्र में टिड्डियों का ये हमला भूखमरी जैसे हालात पैदा कर सकता है.