पेरिस। आतंकी हमलों की बढ़ती आशंका और मुस्लिम देशों से मिल रही बहिष्कार की धमकियों के बीच फ्रांस ने धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी है। फ्रांस के गृह मंत्री का कहना है कि इस समय देश में किसी आतंकी हमले की आशंका बहुत अधिक है। देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा इस्लाम को लेकर की गई टिप्पणी की वजह से अनेक मुस्लिम देशों में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

दरअसल, यह पूरा मामला पेरिस में एक शिक्षक की बर्बर हत्या से जुड़ा है। सैमुएल पैटी नाम के शिक्षक ने अपनी क्लास में अभिव्यक्ति की आजादी पर चर्चा के लिए पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए थे, जिसके बाद उनके ही एक छात्र ने बड़ी बर्बरता के साथ गला काटकर उनकी हत्या कर दी।

इस घटना के बाद पूरे फ्रांस में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। इस दौरान देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि पूरी दुनिया में इस्लाम संकट से गुजर रहा है और वे इस्लाम को फ्रांस के मूल्यों के हिसाब से ढालने के लिए कदम उठाएंगे। उनके इस बयान के बाद मुस्लिम देश उन पर भड़क गए। तुर्की के राष्ट्रपति ने उन्हें मानसिक इलाज कराने की सलाह दे डाली। दूसरी तरफ यूरोप के अनेक देशों ने फ्रांस का साथ दिया है। 

इस बीच फ्रांस की पुलिस ने पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है। सोशल मीडिया पर देश के ईसाइयों और मॉडरेट मुसलमानों को धमकियां मिल रही हैं। देश के गृह मंत्री का मानना है कि देश के बाहर और भीतर बहुत सारे दुश्मन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम विश्वास का स्वागत है और उनकी लड़ाई केवल चरमपंथी इस्लाम से है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान और तुर्की पर फ्रांस के आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ देश के मॉडरेट मुस्लिम समुदाय के लोग अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के समर्थन में खड़े हैं।