बैतूल। गुस्से में लिया गया फैसला कितना खतरनाक होता है इसकी बानगी बैतूल में देखने को मिली। यहां के वार्ड नंबर 6 में एक किशोरी को घरवालों ने मोबाइल फोन के इस्तेमाल से रोका तो वह जान लेने पर उतारू हो गई। उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मोबाइल के लिए रोकना उसकी मौत की वजह बन गया। उसने अपने दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या की। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार युवती के घरवाले उसके बाहर आने-जाने को लेकर टोकते थे। वे उसे ज्यादा देर मोबाइल पर बात करने से भी मना करते थे। ये बातें किशोरी को कतई पसंद नहीं थी।

रविवार को भी युवती मोबाइल लेकर बाहर जाने लगी तो परिजनों ने उसे टोका। जिसके बाद उसने अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। जब वह काफी देर तक रूम से बाहर नहीं निकली तो घरवालों ने उसे आवाज लगाई। कमरे में कोई हलचल नहीं होने पर खिड़की से देखा तो घरवालों के होश उड़ गए। उन्होंने किसी कदर कमरे का दरवाजा तोड़ा और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि किशोरी मोबाइल चलाने और बाहर घूमने की शौकीन थी। रोक-टोक करने पर अक्सर गुस्सा हो जाती थी।

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घटना वाले दिन उसके पिता किसी काम से बाहर गए थे। परिवार लोग बाहर बैठे धूप सेंक रहे थे। किशोरी बाहर जाने को हुई तो उसे घर वालों ने टोक दिया। जिसके बाद उसने कमरा बंद करके जान दे दी। मृतका की पहचान आंचल डेहरिया उर्फ मेघा के तौर पर हुई है। उसके शव का पोस्टमार्टम कर घरवालों को सौंप दिया गया। मामले में पुलिस किशोरी के मोबाइल की जांच कर रही है, उसके परिजनों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।