खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन में कपास के बीज की वितरण व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार घिरी हुई है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बाद अब अरुण यादव ने बीज वितरण का मुद्दा उठाया है। यादव ने मोहन यादव सरकार को चेतावनी तक दे डाली है कि यदि वितरण ठीक से नहीं हुई तो वे आंदोलन शुरू करेंगे।



अरूण यादव ने ट्वीट किया, 'किसानों को मांग के अनुसार पर्याप्त कपास के बीज समय पर उपलब्ध कराये जायें। खरगोन में हमारे अन्नदाता साथियों और उनके परिवाजनों को भरी दोपहर में लम्बी लाईन में लगकर बीज प्राप्त करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त मात्रा में कपास का बीज नहीं मिल रहा है।' 





यादव ने आगे लिखा, 'हमारी मांग है कि किसानों को वांछित कपास के बीज पर्याप्त मात्रा में समय पर उपलब्ध कराये जायें। कपास बीज की कालाबाजारी को रोका जाए। यदि शासन प्रशासन ने कपास के बीज की वितरण व्यवस्था को ठीक नहीं किया तो हम भी सड़क पर उतरकर किसानों के साथ आंदोलन करेंगें। मांग के अनुरूप कपास के बीज के साथ ही अन्य बीज भी समय पर उपलब्ध कराये जायें।'



बता दें कि उच्च गुणवत्ता के कपास उत्पादन के लिए देश में विख्यात खरगोन जिले में बीज के लिए किसानों को घंटो मशक्कत करना पड़ रही है। कपास बीज वितरण के लिए बनाई गई टोकन व्यवस्था किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। बीज पाने के लिए लगातार तीसरे दिन किसानों को 42 डिग्री से अधिक तापमान में घंटों लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ा। 



दरअसल, किसान खेत में बीटी काॅटन राशि 659 व नुजिवुड आशा की बुआई करना चाहते हैं, जिसकी बाजार में किल्लत बताई जा रही है। विशेष बीज की बढ़ती मांग को देखते हुए कालाबाजारी की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। इधर कृषि विभाग ने किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि उपज मंडी में टोकन व्यवस्था शुरू की है। ऐसे में सैकड़ों किसान सुबह 9 बजे से तपती तीखी धूप में खड़े रहने को मजबूर हैं और आखिरी में उन्हें महज दो पैकेट बीज दिए जा रहे हैं।



इसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश भी है। लेकिन वे खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। बहरहाल, अब देखना होगा कि किसानों को इस चिलचिलाती गर्मी में इस लंबी लाइन से छुटकारा कब मिलता है।