इंदौर। साइबर क्राइम सेल को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने सराफा व्यापारी बनकर ज्वैलर्स से करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस को इस गैंग के मास्टर माइंड और उसके अन्य साथियों की तलाश है। पुलिस को उम्मीद है कि गिरफ्तार आरोपियों से बड़े सुराग मिल सकेंगे। पुलिस गैंग के नरेन्द्र उर्फ दशरथ सिंह, मोहर सिंह, विजय सिंह, रज्जाक खान, कमलेश राजपुरोहित की तलाश में जुटी है।

साइबर क्राइम सेल से मिली जानकारी के अनुसार इस गैंग के सदस्य देश के विभिन्न शहरों में एक्टिव हैं। वे फेमस ज्वेलर्स के नाम और फोटो का मिस यूज करते थे। यह गैंग अब तक मध्यप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान के कई शहरों में लूट की वारदात को अंजाम दे चुका है। यह गैंग सराफा व्यापारियों से करोड़ों की ठगी कर चुका है।

इंदौर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से सूरत, जयपुर, दिल्ली, जालौर में तफ्तीश की। टैक्निकल एविडेंस के आधार पर दिल्ली करोलबाग से राजस्थान निवासी आरोपी रामकृष्ण राजपुरोहित को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया है कि उसने अपने साथी शैतान सिंह उर्फ प्रदीप राठौर के साथ पेमेंट लिया था। अब इनकी निशानदेही पर पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है।

इस गैंग के बदमाश ठगी के लिए ज्वेलर्स से पहचान निकालते थे। वे उनके परिजनों की जानकारी सोशल मीडिया और सामाजिक पत्रिकाओं से पता करके रखते थे। फिर वे ज्वेलर्स को झांसा देते थे कि आपके शहर में हमारे लाखों रुपए अटके हैं, प्लीज मदद करें, हम जल्द ही आपको आपके पैसे भिजवा देंगे। इसके लिए शातिर ठग ट्रू कालर का सहारा लेते थे। जिससे फरियादी ज्वैलर्स को उनकी ही पहचान वाले ज्वैलर का फोटो और नाम दिखाई दे सके।

शातिर ठग फरियादी ज्वैलर्स को इमोशनल तरीके के अपनी समस्या बताते थे, कि उनके पैसे फंसे हैं, और जब फरियादी ज्वैलर आरोपी ठग के झांसे में आकर रुपए दे देता था, तब वे अपना नबंर बंद कर लेते थे। शातिर ठग ज्वैलर्स को ठगने के लिए मोबाइल में ट्रू कॉलर सेटिंग ऐसे करते थे कि सही व्यापारी का नाम लोगों के दिखाई दे। वे डीपी पर फोटो भी फेमस व्यापारी का लगाते थे जिसके नाम से फर्जी फोन करते थे।

दरअसल इंदौर के पंजाबी सर्राफ ज्वेलर्स से 4 दिसंबर को इसी तरह की ठगी हुई थी। जिसे बदमाशों ने मुंबई के फेमस ज्वैलर्स शाप के मालिक के नाम पर फोन किया था। आरोपी ने उससे कहा था कि उसका 4 लाख रुपया दिल्ली में किसी को देना है आप दे दो मैं बाद में आपके पास भेज दूंगा। फोटो औऱ नंबर देखकर  पंजाबी सर्राफ ज्वेलर्स के मैनेजर को भरोसा हो गया कि वह उनके ही बिजनेस से जुड़े शख्स का नंबर है। इसके बाद मैनेजर ने अपने एक रिश्तेदार से दिल्ली में पैसे भेज दिए। बाद में जब मैनेजर को इंदौर में पेमेंट नहीं हुआ तो उसने फोन किया, फोन भी बंद आया, तब उसने इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई।