भोपाल| प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भोपाल के गंगानगर, 12 नंबर और बाग मुगालिया जैसे क्षेत्रों में चल रहे हाउसिंग प्रोजेक्ट अब तक अधूरे हैं। मार्च 2025 तक फ्लैट्स का पजेशन दिया जाना था, लेकिन अब तक लोगों को उनके मकान नहीं सौंपे गए हैं। इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जा चुका है। वहीं मंगलवार को बड़ी संख्या में हितग्राही रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचे और मेन गेट के सामने सड़क पर बैठकर विरोध जताया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नगर निगम ने दिसंबर 2025 तक सभी को मकान देने का वादा किया है, लेकिन जमीनी हालात देखकर यह मुमकिन नहीं लगता। कई इमारतों के स्ट्रक्चर तक नहीं बन पाए हैं। ‘हम अपना अधिकार मांगते हैं’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी अधिकारियों से मिले और मांग की कि उन्हें जल्द से जल्द उनके घर सौंपे जाएं।

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इस देरी से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और मध्यम आय वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। वे किराया, लोन और दूसरी आवश्यकताओं के खर्च में अपनी बचत गंवा रहे हैं। 12 नंबर, गंगानगर और बाग मुगालिया के हितग्राही पहले भी अक्टूबर 2024 में नगर निगम का घेराव कर चुके हैं, लेकिन तब कमिश्नर हरेंद्र नारायण यादव द्वारा दिया गया पजेशन का आश्वासन भी अधूरा रह गया।

प्रभावित लोगों में शामिल लोकेंद्र श्रीवास्तव और पवन शाक्य ने बताया कि 2017 में फ्लैट बुकिंग के समय 18 महीने में निर्माण पूरा होने का दावा किया गया था, लेकिन अब 7 साल बाद भी मकान नहीं मिले हैं। निगम ने एक बार टेंडर रद्द कर ठेका कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया, नई एजेंसी को काम सौंपा, लेकिन हालात जस के तस हैं। लोग बैंक लोन की किश्तों के साथ किराया भी भरने को मजबूर हैं।

राजेंद्र जोशी ने बताया कि उन्होंने गंगानगर में 29 लाख रुपए जमा कर फ्लैट बुक कराया था, पर अब तक कोई पजेशन नहीं मिला है। नगर निगम का 'पहले आओ, पहले पाओ' वादा भी अधूरा साबित हुआ है। परिवार अब भी किराए के मकान में रह रहा है।

गौरतलब है कि 12 नंबर बस स्टॉप पर 2017 में शुरू हुए प्रोजेक्ट की लागत 247 करोड़ है, जिसमें MIG के 216, LIG के 576 और EWS के 1008 फ्लैट शामिल हैं। यह दो साल में पूरा होना था, लेकिन अब भी अधूरा है। शहर के अन्य प्रोजेक्ट भी इसी तरह लंबित हैं।

21 मार्च को विधायक भगवानदास सबनानी ने विधानसभा में गंगानगर प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया कि लोग किराए और लोन दोनों का बोझ झेल रहे हैं। मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने दिसंबर 2025 तक सभी मकान सौंपने की बात कही थी, लेकिन मौके पर काम की रफ्तार और हालात को देखकर लोगों को इसका भरोसा नहीं है।