भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे में 1,669 कोरोना संक्रमितों के नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक 6 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। वहीं इंदौर में कोरोना की स्थिति जस की तस बनी हुई है। यहां बीते 24 घंटे में 1,656 नए केस आए, जबकि 7 लोगों की जान चली गई। एक्टिव केस 10 हजार से ज्यादा हैं। यहां अब तक कुल 87,625 संक्रमित मिल चुके हैं और 1,040 लोगों की मौत हुई है। बढ़ते संक्रमण की स्थिति को देखते हुए ज़िला क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में 19 अप्रैल से बढ़ा कर 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया जा सकता है। 

मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी भोपाल में श्मशान घाटों पर बीते 24 घंटे में 118 शव का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया। कोरोना की दूसरी लहर से भोपाल में हालात ज्यादा खराब हैं। सरकारी आंकड़ों में सिंतबर की तुलना में यहां मौतें कम दर्ज हैं, लेकिन संक्रमण की रफ्तार पहली लहर की तुलना में 6 गुना ज्यादा है। सितंबर के 15 दिनों में भोपाल में 2,788 संक्रमित मिले थे, लेकिन अप्रैल में अब तक 14,413 पॉजिटिव मिल चुके हैं।

ग्वालियर में 24 घंटे में 4,126 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आई है, इनमें से 1,029 संक्रमित निकले हैं। यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा है। 5 संक्रमितों की मौत हुई है। इसमें से 2 की उम्र 25 से 30 साल थी। ग्वालियर में एक्टिव केस बढ़कर 5,130 हो गए हैं। शुक्रवार को 60 से ज्यादा जगहों पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए। अब तक कुल 25 हजार संक्रमित मिल चुकेे हैं। लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने शाम को दूध, सब्जी लेने के लिए निकलने की छूट भी खत्म कर दी। सुबह भी 10 बजे तक की छूट को घटाकर 9 बजे तक कर दिया गया है।

लॉकडाउन को एक सप्ताह होने जा रहा है, लेकिन कोरोना की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है। जबलपुर में 798 नए संक्रमित मिले हैं, 7 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे में 2,812 सैंपल की जांच की गई थी। यहां संक्रमण दर 28% से ज्यादा है। एक्टिव केस 5,102 हो गए हैं। प्रशासन के मुताबिक जिले में कुल बेडों की संख्या 2,200 है। 3,500 से ज्यादा लोग होम आइसोलेट हैं। रिकवरी रेट 82.41% पर पहुंच गया है। 17 अप्रैल से 22 अप्रैल तक जिले के ग्रामीण इलाकों में भी लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी किया है। अभी शहरी क्षेत्र में ही लॉकडाउन था। प्रशासन ने 430 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था के लिए चार जगह तय की हैं।