भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को भी विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंकझोंक देखने को मिला। सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने अवैध खनन को लेकर हंगामा किया। गुरुवार को पेश किए गए 30,265 करोड़ के अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने दो घंटे का समय तय किया था।

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने भाजपा के वादाखिलाफी पर भी जमकर हमला बोला। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार लगातार कर्ज ले रही है और आज हर व्यक्ति पर 50000 का कर्ज हो गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार कर्ज ले रही और दूसरी ओर अनुपूरक बजट में ब्याज की राशि के भुगतान के लिए प्रावधान किया जा रहा है। सरकार ब्याज भरने के लिए अनुपूरक बजट में राशि तय कर रही है।

रामनिवास रावत ने कहा कि एक ओर बीजेपी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की बात करती है। इसी अनुपूरक बजट में इस विश्वास को तोड़ दिया गया है। लाड़ली महिलाओं को ₹3000 देने की बात करने वाली बीजेपी सरकार अब तक इस पर अमल नहीं कर सकी है। हर महीने लाड़ली बहनों की संख्या घटती जा रही है। रावत ने आगे कहा कि भाजपा की सरकार ने भाजपा और कांग्रेस के विधायकों को मुंह देखकर विकास के काम कराए हैं। सरकार ने भेदभाव का काम किया है। सबका साथ, सबका विकास की बात बेमानी है।

रावत ने आगे कहा कि संकल्प पत्र में बीजेपी की सरकार और नेता मोदी की गारंटी, मोदी की गारंटी की बात करते हैं, लेकिन अनुपूरक बजट में मोदी की गारंटी वाले संकल्प के लिए बजट में शामिल नहीं किया गया है, उसके लिए बजट नहीं रखा गया है। इस दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भारत रत्न देने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने पक्षपात नहीं किया। विपक्ष के लोगों को भी भारत रत्न देने का काम किया। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय नरसिम्हा राव भी शामिल हैं। इस पर बाला बच्चन ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री बनाने का काम किया है।

इस दौरान कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने कहा कि मेरे क्षेत्र में कई लोग बिना बिजली के निवास करने को मजबूर हैं। आदिवासी परिवारों को डीजल इंजन से सिंचाई करनी पड़ रही है। ऊर्जा विभाग ऐसे गांवों में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था के लिए बजट में प्रावधान करे। उन्होंने आगे कहा कि कई स्कूलों में स्थाई शिक्षक नहीं हैं। अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। अक्टूबर से अतिथि शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला है। सनावद-बड़वाह के बीच मार्ग छतिग्रस्त है, उसे ठीक किया जाए।