भोपाल। प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वालों का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। भोपाल क्राइम ब्रांच और साइबर सेल ने कानपुर से ठगी के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस मामले का एक आरोपी फरार चल रहा है। 5वीं पास युवक लोगों को फोन करके अपने झांसे में लेता था। वह कहता था कि वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के ऑफिस से बोल रहा है, तुम्हारा 3.5 लाख का चेक आया है। यह पैसा खाते में पाने के लिए 2100 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। जो लोग उसके झांसे में आ जाते थे वह उनकी सारी डिटेल जैसे बैंक खाता नंबर, आधार कार्ड नंबर की कॉपी अपने मोबाइल पर मगंवाता था। इसके बाद वह रिजस्ट्रेशन के नाम पर खाते में पैसे जमा करवा लेता था। यह गड़बड़झाला वह कई लोगों के साथ कर चुका है।

कानपुर निवासी प्रदीप गौतम नाम बदलकर लोगों को चकमा देता था। उसने पुलिस के सामने सारे राज उगले हैं। उसने बताया है कि इस काम में उसका मुंहबोला चाचा धीरज मदद करता था। वह धीरज के कहने पर ही लोगों को फोन करके फंसाता था। वह लोगों को फोन लगाने के लिए MP के मोबाइल नंबरों के आखिरी चार अंक बदलकर फोन लगाता था। जो लोग सब्सिडी मिलने के लालच में पड़ जाते थे, उनसे युवक का चाचा फर्जी अफसर बनकर बात करता था। धीरज अफसर बनकर लोगों से अपने बैंक खाते में 2100 रुपए ट्रांसफर करवा लेता था। धीरज इस गैंग का सरगना था, वह बेरोजगार युवकों को ट्रेनिंग देकर कमीशन देकर काम करवाता था। फिलहाल आरोपी 2 दिन की पुलिस रिमांड पर है।

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इस मामले का खुलासा बैतूल के सांईखेड़ा निवासी महिला की शिकायत पर हुआ है। अपनी शिकायत में महिला ने बताया है कि उसके पास 21 जनवरी को किसी अंजान नंबर से फोन आया था। उसने कहा था कि वह सीएम हाउस भोपाल से प्रवीण पांडे बोल रहा है। आपका पीएम आवास का 3.50 लाख रुपए का चेक आया है। उसने कहा कि यह चेक खाते में तभी जमा होगा जब आप अपना आधार कार्ड, परिचय पत्र और बैंक की पास बुक की फोटो मोबाइल नंबर पर भेज दो। महिला ने अपनी सारी जानकारी और पैसे उसके खाते में जमा कर दिए लेकिन कई दिन गुजर जाने के बाद भी जब पैसे नहीं आए तो महिला को शंका हुई। उसने उस अज्ञात नंबर वाले शख्स के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। बैतूल से केस डायरी भोपाल भेज दी गई है। साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की जांच में इस बात की पुष्टि की है कि आरोपी कानपुर से फोन करते थे। आरोपी को दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

भोपाल पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी योजना के नाम पर अपनी निजी जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं करे। मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री आवास के लिए सरकारी विभागों से किसी तरह का कोई दस्तावेज फोन पर नहीं मांगा जाता। अपने आधार कार्ड, बैंक पास बुक, परिचय पत्र के बारे में फोन नहीं किया जाता है ऐसा कोई फोन आने पर पुलिस में शिकायत करें।