रतलाम जिले के जड़वासा कलां गांव में बालम ककड़ी खाने से एक ही परिवार के पांच लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए। इस दुखद घटना में पांच वर्षीय बालक की मौत हो गई, जबकि दो बच्चियां आईसीयू में और उनकी मां जनरल वार्ड में भर्ती हैं। डॉक्टरों के अनुसार, सभी को फूड पॉइजनिंग हुई थी।
मांगीलाल पाटीदार, जो कि जड़वासा कलां के निवासी हैं, सोमवार को सैलाना-धामनोद रोड से बालम ककड़ी लेकर आए थे। मंगलवार शाम को उन्होंने अपनी पत्नी कविता और बच्चों दक्षिता, साक्षी और क्रियांश के साथ ककड़ी का सेवन किया। बुधवार सुबह सभी को अचानक उल्टियां शुरू हो गईं और उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
बुधवार रात फिर से उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें रतलाम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने क्रियांश को मृत घोषित कर दिया। परिवार के अन्य सदस्यों का इलाज जारी है, जिसमें दक्षिता और साक्षी की हालत अभी नाजुक बताई जा रही है।
ऐपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बोरीवाल ने बताया कि किसान फलों और सब्जियों में कीड़ों से बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव करते हैं, जो सिर्फ अच्छे से धोने पर ही साफ होता है। उन्होंने बताया कि ककड़ी में पित्त नामक पदार्थ होता है, जिसे उसके दोनों सिरों को काटकर रगड़ने से हटाया जाता है।
डॉ. बोरीवाल ने सलाह दी कि सब्जियां खरीदते समय यह देख लें कि वे बहुत पुरानी न हों, और काटते समय यह जांच लें कि उनमें कीड़े तो नहीं हैं।