खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले के ढाबला गांव में एक अनूठा मामला सामने आया है। गांव के आदिवासी जोड़े ने हाल ही में शादी की है लेकिन वैवाहिक जीवन में बंधने में समय आदिवासी ने किसी पंडित या मंत्रोच्चार का सहारा नहीं लिया।दरअसल जोड़े ने संविधान और टंट्या मामा (टंट्या भील) की शपथ लेकर शादी रचाई। 

युवक इकराम आरसे और युवती नाईजा की जोड़ी ने संविधान और टंट्या मामा की शपथ लेकर शादी रचाई तो वहीं अग्नि की जगह गांव के लोगों को साक्षी माना। प्रेमी जोड़े की इस पहल का ग्रामीणों ने तहे दिल से स्वागत किया है। समाजसेवी रामेश्वर बडोले ने स्थानीय मीडिया को इस पहल की तारीफ करते हुए बताया कि पूरा देश संविधान से चलता है। आदिवासी इकराम ने अपनी शादी इस तरह से करने की सोची तो ग्रामीणों ने भी इकराम की इस सोच का स्वागत किया। 

आदिवासी युवक इकराम पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर तैनात हैं। इकराम के मुताबिक पिछले वर्ष जब वे किसी वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, तो उन्होंने जोड़े को संविधान की शपथ लेते देखा था। उसके बाद से ही उनके मन में भी ऐसा ही करने का ख्याल आया । इकराम के मुताबिक शादी तय होने के बाद उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी नाईजा को भी इस बारे में बताया तो वो भी इसके लिए खुशी से तैयार हो गई।