नई दिल्ली। योग और अध्यात्म की आड़ में विभिन्न धंधा करने वाले कारोबारी व पतंजलि योगपीठ के संस्थापक रामदेव एक बार फिर मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। अपने बड़बोलेपन के कारण अक्सर विवादों में रहने वाले रामदेव का नाम इस बार फ्रॉड केस में सामने आया है। शेयर मार्केट को रेग्युलेट करने वाली संस्था SEBI ने रामदेव को इस मामले में नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।

दरअसल, रामदेव ने अपना धंधा चमकाने के लिए लोगों को करोड़पति बनाने का लालच दिया था। वो आस्था चैनल पर आने वाले अपने प्रोग्राम के दौरान निवेशकों को झांसा देने का प्रयास कर रहे थे। रामदेव ने इस दौरान कहा था कि, 'आप करोड़पति बनना चाहते हैं? मैं करोड़पति बनने का मंत्र दूंगा। मैंने अभी-अभी शेयर बाजार में निवेश करने के तरीके सीखे हैं। शेयरों में व्यापार करने के लिए, एक डीमैट खाते की आवश्यकता होती है। इसलिए, आज ही एक डीमैट खाता खोलें।'

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रामदेव आगे कहते हैं कि, 'जब मैं आपको बताऊं तो अपने डीमैट खाता में रुचि सोया के शेयर खरीदें। इसके बाद पतंजलि का शेयर खरीदें। पतंजलि का आकलन किसी भी एजेंसी से करवा लीजिए, हमारा मार्केट कैप हजारों करोड़ में होगा। इसलिए, जो कोई भी पतंजलि और रुचि सोया के शेयरों में निवेश करेगा, उसे करोड़पति बनने से नहीं रोका जा सकता है। यह गारंटी मैं आपको दे रहा हूं। शेयर की बिक्री ना करें। शेयर खरीदें और कसकर बैठें और ध्यान लगा लें।'

सेबी ने रामदेव के इस बयान को संदिग्ध मानते हुए रामदेव को नोटिस थमाया है। रेगुलेटरी संस्था ने रामदेव से ट्रेडिंग नॉर्म्स के कथित उल्लंघन, फ्रॉड रोकने और गलत कारोबारी तरीकों और इनवेस्टमेंट एडवाइजर रेगुलेशंस को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि पतंजलि ने साल 2019 में रुचि सोया को खरीदा था। यह कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड है और रामदेव इसके नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं।