अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस प्लेन में क्रू मेंबर्स सहित कुल 242 यात्री सवार थे। प्लेन क्रैश का वीडियो देखने से भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह दुर्घटना इतना भीषण था कि यात्रियों के बचने की संभावना बेहद कम है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि क्रैश से ठीक पहले पायलट ने Mayday Call दिया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक विमान ने अहमदाबाद एअरपोर्ट के रनवे नंबर 23 से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर उड़ान भरी थी। यह विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से उड़ान भरके अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचा था. यह कनेक्टिंग प्लाइट थी, जिसे अहमदाबाद पर कुछ यात्रियों को उतारना था और कुछ नए यात्रियों को विमान में सवार होना था।
यह भी पढ़ें: Breaking: अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश, 242 यात्रियों को लेकर लंदन जा रहा था विमान
बताया जा रहा है कि उड़ान भरते ही इसने करीबी एटीसी को MAYDAY कॉल दी थी, लेकिन इसके बाद विमान की ओर से एटीसी को कोई सिग्नल नहीं दिया गया। उड़ान के कुछ सेकंड बाद ही विमान क्रैश हो गया। हादसा क्यों हुआ यह बात विमान के ब्लैक बॉक्स से ही पता चल सकता है।
क्या होता है Mayday Call
मेडे कॉल (Mayday Call) एक इमरजेंसी मैसेज होता है, जो किसी विमान का पायलट उस समय नजदीकी एटीएस को भेजता है, जब विमान किसी बेहद मुश्किल स्थिति में फंस जाता है। ऐसा संकट जब यात्रियों या क्रू की जान को खतरा हो. इनमें विमान का इंजन फेल होना, विमान में आग लगना, हवा में टकराव का खतरा या हाईजैक जैसी स्थिति शामिल होती है। इस कॉल के ज़रिए कोई भी पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और नज़दीकी विमानों को अलर्ट करता है कि प्लेन को तुरंत मदद की ज़रूरत है। इसे प्लेन के रेडियो पर तीन बार बोला जाता है- Mayday, Mayday, Mayday ताकि साफ हो जाए कि यह मज़ाक नहीं, बल्कि असली संकट है। ‘मेडे' शब्द फ्रेंच के "m'aider" से आया है, जिसका मतलब होता है मेरी मदद करो।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स दो डिवाइसेज का सेट होता है जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR)और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) इसका रंग नारंगी होता है, ताकि हादसे के मलबे में इसे आसानी से ढूंढा जा सके।
FDR से विमान की स्पीड, ऊंचाई, इंजन की स्थिति और तकनीकी डिटेल्स रिकॉर्ड किया जाता है। जबकि CVR पायलट और कंट्रोल रूम या क्रू के बीच की बातचीत रिकॉर्ड करता है। ब्लैक बॉक्स से हादसे से ठीक पहले की स्थिति का पता चलता है कि क्या तकनीकी खराबी थी, पायलट की गलती थी या कोई बाहरी वजह थी।