जयपुर। राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। प्रदेश में इस बीमारी के 400 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। राज्य में यह बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। यह कोरोना से रिकवर हुए मरीजों को लगातार अपनी गिरफ्त में ले रही है। जिसके बाद प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने का आदेश जारी कर दिया है।

म्यूकर माइकोसिस याने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने के लिए प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अधिसूचना भी जारी कर दी है। बुधवार को राजस्थान महामारी अधिनियम-2020 की धारा-3 की सहपठित धारा-4 के तहत ब्लैक फंगस को प्रदेश में महामारी और अधिसूचनीय रोग अधिसूचित किया गया है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ब्लैक फंगस रोग कोरोना से रिकवर हुए डायबटिक रोगियों को अपनी चपेट में ले रही है। जिसमें मरीज की आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है। वहीं मरीज के जबड़ों में इतना संक्रमण हो जाता है कि जबड़े निकालने की नौबत आ रही है।

हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड से रिकवर हुए मरीजों में म्यूकर माइकोसिस का संक्रमण होने पर चिंता जताई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग को इस बीमारी के समुचित इलाज के आदेश दिए गए थे। अब सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। सरकार ने राजस्थान की हेल्थ इंश्योरेंस चिरंजीवी योजना में भी इसे शामिल कर लिया है।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोड़ा की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की गई है। इसके अनुसार कोविड 19 संक्रमण के प्रभाव की वजह से ब्लैक फंगस से संक्रमितों की तादात बढ़ रही है। कोरोना का साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस के रुप में सामने आ रहा है।  प्रदेश में कोरोना और ब्लैक फंगस का एकीकृत और समन्वित इलाज सुनिश्चित करने के मद्देनजर यह फैसला सरकार ने लिया है।

गौरतलब है कि राजस्थान के जयपुर, जोधपुर के साथ-साथ ब्लैक फंसग के केस सीकर, पाली, बाड़मेर, बीकानेर और कोटा में भी मिलने लगे हैं। महामारी घोषित करने के बाद अब इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग और इलाज में गंभीरता बरती जाएगी।

जानकारों की मानें तो कोरोना मरीजों को दी जाने वाली स्टेरॉयड से इम्यूनिटी कम हो जाती है। जिससे मरीजों का ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है। जिसका साइड इफेक्ट म्यूकोरमाइकोसिस के तौर पर नजर आता है। सबसे  पहले नाक खुश्की से शुरुआत होती है। इसके बाद चेहरा और तलवा सुन्न हो जाता है।

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चेहरा सूज जाता है जबड़े फूल जाते हैं जिससे ढीले पड़ते हैं। आंखों की नसों पर फंगस जम जाती है। जिससे मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाती है। वहीं जबड़े तक संक्रमण फैलने की वजह से जबड़े खराब हो जाते हैं। ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में स्पेशल वार्ड तैयार किया गया है। जहां ब्लैक फंगस का इलाज किया जा रहा है।देश समेत राजस्थान में भी ब्लैक फंगस की दवा की किल्लत है।