नई दिल्लीे।
देश भर में इन दिनों खेतों में गेहूं चना, मसूर आदि की फसल पक कर तैयार खड़ी है, लेकिन लॉक डाउन के बाद इन फसलों की कटाई के लिए मजदूर मिलने में समस्या  हो रही है। कहीं-कहीं फसल की आधी अधूरी कटाई भी की गई है। लेकिन लॉक डाउन के बाद फसल कटाई का काम बंद कर दिया गया है। 

लॉक डाउन की घोषणा के बाद जहां एक तरफ सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ी है वहीं खाद्य सामग्री के जरूरत से ज्याूदा भंडारण भी समस्याी खड़ी कर सकता है। कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए देश में लाकडाउन की स्थिति और कई राज्यों में कर्फ्यू लगाये जाने से किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका व्यक्त की जा रही है तथा विशेष परिस्थितियों के चलते गांव से शहरों में दूध और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति प्रभावित होने लगी है तथा जल्दी खराब होने वाली सब्जियों के मूल्य बढ़ने लगे हैं।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, बुंदेलखंड तथा हरियाणा के कुछ हिस्सों में गेहूं की कटाई का कार्य शुरु हो गया है। चने की फसल भी पक कर तैयार है और इसकी भी कटाई हो रही है। ऐसे समय में गांवों में रहने वाले मजदूरों ने फसल कटाई का कार्य करने से इंकार कर दिया है। अमूमन होली पर्व के बाद अनेकों की संख्या में हार्वेस्टर कटाई कार्य के लिए क्षेत्र में आ जाते थे। लेकिन लॉक डाउन के चलते हार्वेस्टर भी फसल कटाई के लिए नहीं आए है। फसल कटाई का कार्य न होने से किसान परेशान है। खासकर, सब्जियों की फसल के तैयार होने पर उसे तुरंत काटना होता है, नहीं तो उसकी गुणवतता बुरी तरह प्रभावित हो ती है और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होता है।


दूसरी तरफ, किसानों के सामने सामग्री की खरीदी और परिवहन का संकट भी खड़ा हो रहा है। कुछ किसान फसल काटकर अपने घर में रखे हुये हैं लेकिन उसका कोई खरीददार नहीं मिल रहा है।