कैथल। हरियाणा के कैथल में मनरेगा मजदूरों को काम न मिलने की खबर छापने वाले दो पत्रकारों पर बीडीपीओ ने मुकदमा दर्ज कराया है। कैथल की खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने शिकायत की है कि दैनिक भास्कर और पंजाब केसरी के दो पत्रकारों ने उनके खिलाफ तथ्यहीन खबरें छापी हैं। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा की खट्टर सरकार पर जमकर हमला बोला है। 

रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि खट्टर सरकार ने अपना नया नमूना पेश किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में मनरेगा मजदूरों को काम न मिलने की खबर छापने पर दैनिक भास्कर और पंजाब केसरी के पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज किए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि क्या हरियाणा में संविधान का शासन बचा है? 

सुरजेवाला ने कहा है कि गरीबों द्वारा मनरेगा के तहत काम मांगना क्या अपराध है? सुरजेवाला ने मजदूरों की आवाज़ कुचले जाने पर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से जवाब मांगा है। सुरजेवाला ने कहा है कि क्या मजदूरों की आवाज़ ऐसे कुचलेंगे? मुख्यमंत्री जवाब दें ? 

क्या है मामला 

दरअसल कैथल ज़िले के गुहला खंड की BDPO रोज़ी ने स्थानीय मजदूर नेता कमरमजीत कौर, पंजाब केसरी के पत्रकार ज्ञान गुप्ता, दैनिक भास्कर के पत्रकार अजीत सैनी सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। अधिकारी का दावा है कि बीते 18 दिसंबर को मजदूर नेता करमजीत कौर आठ नौ लोगों के साथ उनके कार्यालय में आई थीं। मजदूर नेता ने स्थानीय मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिए जाने की मांग की। अधिकारी ने दावा किया कि मजदूर नेता करमजीत कौर से उन्होंने कहा कि मज़दूरों को जहां तक संभव होता है हम काम देते हैं और मनरेगा स्कीम के तहत मजदूरी भी देते हैं। अधिकारी ने एफआईआर में दावा किया है कि उनके इतना कहने पर मज़दूर नेता करमजीत कौर भड़क गईं और कहने लगी कि हमें पता है तुम लोग मजदूरों को कैसे काम देते हो।

अधिकारी का आरोप है कि कमरजीत कौर और उसके साथ आए लोगों ने अधिकारी को डराया धमकाया और उसके काम में बाधा डालने की कोशिश की। एफआईआर में अधिकारी ने अपनी जान को खतरा होने की बात कही है और यह भी आरोप लगाया है कि इस पूरी घटना के बाद पंजाब केसरी और दैनिक भास्कर के पत्रकारों ने उसके खिलाफ तथ्यहीन खबरें छापीं।

अधिकारी का क्या कहना है 

इस पूरे घटनाक्रम पर जब हमने BDPO रोज़ी से बात की तो उन्होंने दावा किया कि पंजाब केसरी के पत्रकार ज्ञान गुप्ता और दैनिक भास्कर के पत्रकार अजीत सैनी ने उनके ऑफिस में आकर बात किए बिना ही उनके खिलाफ खबरें छापी हैं। उनका कहना है कि पंजाब केसरी के पत्रकार ज्ञान गुप्ता ने तो उनसे फोन पर बात की थी, लेकिन दैनिक भास्कर के पत्रकार अजीत सैनी ने उनसे बात भी नहीं की थी। उन्होंने दावा किया कि पत्रकारों का यह आरोप गलत है कि काम मांगने गए मजदूरों पर वे भड़क उठी थीं। अधिकारी ने कहा कि दोनों ही पत्रकारों के पास कथित घटना का कोई वीडियो नहीं था, फिर भी दोनों ने मेरे खिलाफ एक एजेंडे के तहत खबरें छापी। हमने जब उनसे पूछा कि क्या उनके पास अपने साथ हुई कथित अभद्रता का सीसीटीवी फुटेज है? तो उन्होंने कहा कि जिन दिन यह घटना हुई, मैं कार्यालय के बाहर धूप में बैठी थी।